जागरण संवाददाता, मेरठ। किशोरी ने महिला ग्राम प्रधान के आफिस में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। प्रेमी की मौत की झूठी सूचना मिलने पर किशोरी ने आत्मघाती कदम उठाया है। किशोरी और युवक का पिछले दो साल से प्रेम संबंध चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे। अलग-अलग संप्रदाय होने की वजह से परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अनुसूचित जाति के 23 वर्षीय दीपांशु का गांव में ही मुस्लिम संप्रदाय की किशोरी से दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों के घर की दूरी करीब पांच सौ मीटर है। दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना था। कुछ दिन पहले ही दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी परिवार के लोगों को हुई थी। परिवार के लोगों ने दोनों की शादी कराने से इन्कार कर दिया था। दोनों के मिलने पर भी पाबंदी लगा दी थी। इसके बावजूद दोनों मिलते थे। शुक्रवार शाम करीब पांच बजे अफवाह फैल गई कि दीपांशु ने आत्महत्या कर ली है।
किशोरी हुई परेशान
इसी को लेकर किशोरी परेशान हो गई और स्वजन से दीपांशु को देखने के लिए जाने की बात कहने लगी। किशोरी की बुआ एक समाजसेवी महिला को साथ लेकर ग्राम प्रधान संयोगिता के घर पर पहुंच गई। किशोरी की महिला ग्राम प्रधान से काउंसलिंग करानी थी। संयोगिता ने किशोरी को कुछ देर तक समझाया। कहा कि अभी वह नाबालिग है, बालिग होने पर ही शादी के बारे में सोच सकती है।
समझाने के बाद संयोगिता रसोई में चाय बनाने चली गई। तभी किशोरी वहां से उठकर प्रधान के आफिस में पहुंच गई और दुपट्टे से फांसी का फंदा बनाकर जान दे दी। किशोरी को फंदे पर लटका देख संयोगिता ने पति भूपेंद्र को जानकारी दी। उन्होंने पुलिस को अवगत कराया। ग्राम प्रधान संयोगिता का कहना है कि किशोरी को काउंसलिंग के लिए परिवार के लोग घर पर लेकर आए थे।
उसे समझाकर चाय बनाने गई थी। इसी बीच किशोरी की बुआ और समाजसेवी महिला भी रसोई में आ गईं। तभी किशोरी ने आफिस के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। एसपी देहात अभिजीत कुमार का कहना है कि प्रेमी युगल अलग-अलग संप्रदाय के थे। किशोरी ने प्रेमी की मौत की झूठी खबर सुनकर प्रधान के आफिस में आत्महत्या कर ली। किसी भी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है। |