लखनऊ। संजय भंडारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा है कि हम कानून का सम्मान करते हैं। हम मुकदमा लड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कहने पर रॉबर्ट वाड्रा के परिवार को परेशान किया जा रहा है।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा के परिवार को हरियाणा में न्याय मिल चुका है। हाईकोर्ट में भाजपा की सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया। इसी तरह ईडी के इन आरोपों में दम नहीं है। रॉबर्ट वाड्रा बेदाग होकर निकलेंगे। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है।
बिहार चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिलने और जीते हुए बसपा नेता द्वारा मायावती से मुलाकात के दौरान घुटने पर बैठने पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा है कि घुटनों पर बैठना सामंती मानसिकता की निशानी है। इसे ही रोकने के लिए वह बहुजन मिशन में आई थी और इसे उन्होंने भाजपा के हवाले करने की कोशिश की। अब वह भाजपा की नीति के हिसाब से चल रही है। इसीलिए वह जीते हुए विधायक को घुटनों पर बैठा रही है। इससे बड़ी सामंती सोच और क्या हो सकती है?
मोहन भागवत द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई कविता को लेकर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि 2014 में भारत का नक्शा था, उस पर चीन ने कब्जा कर लिया है। कुछ हिस्से उसके कब्जे में हैं, ये ग्राउंड की रिपोर्ट कह रही है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद हमारी भौगोलिक सीमा सिकुड़ गई है। मोहन भागवत बहकी-बहकी बातें करने लगे हैं।
कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक की चर्चाओं को सुरेंद्र राजपूत ने खारिज कर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि डीके शिवकुमार और सिद्धरामैया कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली आते रहते हैं। भाजपा बिहार की वोट डकैती से ध्यान हटाना चाहती है, मुख्य समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहती है। इसीलिए अपने इको इकोसिस्टम के साथ वह इस तरह की खबरें प्लांट कर रही है, जिनका कोई आधार नहीं है।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि पढ़े-लिखे कट्टरपंथी और भी खतरनाक होते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण संघ है। संघ ने पूरे देश को कट्टरवादी बना दिया है। मस्जिद के नीचे मंदिर खोज रहे हैं, गाय के नाम पर इंसान की हत्या कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार देने की जगह उनके हाथ में तलवारें पकड़ा रहे हैं। कट्टरपंथी चाहे जिस धर्म में हों, उनकी निंदा की जानी चाहिए।
बंगाल में चल रहे एसआईआर को लेकर उन्होंने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया में कमी जरूर है। बिहार ने इसे साबित कर दिया है। जिस तरह से बीएलओ पर दबाव पड़ रहा है और आत्महत्याएं कर रहे हैं, उससे भी साफ हो रहा है कि इस प्रक्रिया के लिए समय बहुत कम दिया गया है। ऐसे में एसआईआर की कमियों को दूर किया जाना चाहिए।

Deshbandhu
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