दीपक पांडेय, फरीदाबाद। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी डाॅक्टरों को दिल्ली ब्लास्ट की साजिश करने के लिए प्रबंधन की ओर से भी काफी समय दिया गया। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि आतंकी डाॅक्टर पढ़ाने की जगह अन्य गतिविधियों में अधिक शामिल रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यूनिवर्सिटी के छात्रों के अनुसार ही दिल्ली ब्लास्ट मे मारा गया डाॅ. उमर पूरे दिन में केवर एक ही लेक्चर लेता था। वह भी केवल 20 मिनट का ही होता था। इसके बाद पूरे दिन यूनिवर्सिटी से गायब रहता था।
कुछ ऐसा ही हाल अस्पताल में डाॅ. मुजम्मिल का था। वह केवल फोन पर ही उपलब्ध रहता था। वहीं अपने मरीज को दूसरे डाॅक्टर को रेफर करके उनसे इलाज करवा देता था। छात्रों के अनुसार दोनों एक साथ ही यूनिवर्सिटी कैंपस से इको स्पोर्ट्स कार में बाहर जाते थे।
डाॅ. निसार की नियुक्ति को लेकर छात्रों ने किया था विरोध
एक साल पहले अल-फलाह अस्पताल में नियुक्त हुए डाॅ. निसार को लेकर छात्रों ने प्रबंधन के सामने विरोध जताया था। सूत्रों के अनुसार प्रबंधन की ओर से छात्रों को डाॅ. निसार की नियुक्ति के बारे में जानकारी पहले ही दे दी गई है।
अक्सर हर नए सहायक प्रोफेसर के आने से पहले प्रबंधन की ओर से अपना प्रचार करने के लिए छात्रों को जानकारी दी जाती थी। डाॅ. निसार के बारे में छात्रों ने इंटरनेट मीडिया पर सर्च किया तो उनको डाॅक्टर के देश विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी।
इसको लेकर छात्रों की ओर से प्रबंधन के सामने विरोध भी जताया गया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। सूत्रों के अनुसार डाॅ. निसार की नियुक्ति पूरे योजना के साथ करवाई गई थी।
पठानकोट से गिरफ्तार डाॅक्टर को लेकर पांच घंटे से अधिक पूछताछ
पंजाब पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात तक पठानकोट से गिरफ्तार डाॅक्टर को लेकर अलग-अलग स्टाफ से पांच घंटे से अधिक पूछताछ की। पठानकोट से पुलिस ने डाॅ. रईस अहमद को गिरफ्तार किया है। यह डाॅक्टर भी अल-फलाह में अपनी सेवाएं दे चुका है।
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