cy520520 • 2025-11-21 19:07:54 • views 320
जागरण संवाददाता, मेरठ। वर्ष 2026 की कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा दो बार होगी। इसका मतलब यह नहीं है कि किसी एक बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। पहली बोर्ड परीक्षा हर परीक्षार्थी के लिए अनिवार्य है। पहली बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम तीन विषयों की परीक्षा देनी ही होगी। ऐसा न करने वाले परीक्षार्थी 10वीं में फेल हो जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं दूसरी बोर्ड परीक्षा में अधिकतम तीन विषयों की परीक्षा ही परीक्षार्थी दे सकेंगे। इसीलिए दूसरी बोर्ड परीक्षा को इम्प्रूवमेंट के तौर पर लेना ही बेहतर होगा। गुरुवार को सीबीएसई की ओर से स्कूलों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, परीक्षार्थियों और अभिभावकों के लिए आयोजित वेबिनार में परीक्षा से जुड़ी विस्तृत दिशा-निर्देश साझा किए गए।
कंट्रोलर आफ एग्जामिनेशन डा. संयम भारद्वाज ने ने स्कूलों व परीक्षार्थियों को बताया कि इस वर्ष की बोर्ड परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाएं सीधे परीक्षा केंद्रों पर भेजी जाएंगी। उत्तर पुस्तिका के हर पन्ने पर बार कोड होगा जिससे परीक्षार्थियों की सटीक पहचान को सुनिश्चित किया जा सके।
सीबीएसई की ओर से इस वर्ष डिजिटल मूल्यांकन की भी तैयारी की जा रही है। इससे पहले डिजिटल मूल्यांकन का पायलट प्रोजेक्ट हो चुका है और मेरठ में केएल इंटरनेशनल स्कूल और शांति निकेतन विद्यापीठ को परीक्षा केंद्र बनाया गया था।
इसमें टीसीएस की मदद से शिक्षकों ने कंप्यूटर पर लागिन कर आनलाइन ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया था। इस बार दो बोर्ड परीक्षा और दो बार होने वाले मूल्यांकन को देखते हुए सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का शुल्क भी बढ़ाया जाएगा। इस बढ़े हुए शुल्क में शिक्षक दोनों बार मूल्यांकन करेंगे या एक बार, इसकी जानकारी बाद में दी जाएगी।
हर स्कूल में शिक्षकों व परीक्षार्थियों ने देखा कार्यक्रम
सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षा को लेकर आयोजित इस वेबिनार का सीधा प्रसारण सीबीएसई स्कूलों में दिखाया गया। इसमें प्रधानाचार्यों के साथ ही सभी शिक्षकों और बोर्ड परीक्षार्थियों ने तीन घंटे से अधिक चले वेबिनार की हर बारीकी को देखा। अब स्कूल 40 से 50 प्रश्न तैयार कर सीबीएसई को भेज रहे हैं। स्कूलों से मिलने वाले प्रश्नों के जवाब सीबीएसई की ओर से फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन के तहत जारी किया जाएगा।
स्कूलों की बढ़ेगी जिम्मेदारी, बनेंगे मार्गदर्शक
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर सुधांशु शेखर के अनुसार सीबीएसई ने गुरुवार को प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को इस बात के लिए ही प्रशिक्षण दिया है कि उन्हें पहली बोर्ड परीक्षा के पहले और उसके परिणाम के बाद विद्यार्थियों और अभिभावकों का मागदर्शन किस प्रकार से करना है। इसमें स्कूलों की भूमिका को लेकर और विस्तृत स्पष्टता के साथ दिशा-निर्देश आने की उम्मीद है।
सीबीएसई ने स्कूलों में प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व मनोवैज्ञानिकों से विद्यार्थियों की मन: स्थिति को देखते हुए उनकी मदद व मार्गदर्शन करने का आह्वान किया है। बताया कि लगभग 80 प्रतिशत रूपरेखा तय है। इसके बाद भी परीक्षा नियंत्रत ने स्कूलों से सुझाव मांगे हैं जिसे समय रहते लागू किया जाएगा।
दोनों परीक्षाओं के सर्वोच्च अंक ही मार्कशीट पर चढ़ेंगे
सिटी कोआर्डिनेटर सपना आहूजा ने बताया कि ने बताया कि दोनों बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थी के दोनों में से सर्वोच्च अंक ही मार्कशीट पर चढ़ेंगे। दूसरी परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को अधिकतम तीन विषयों में अपने अंक सुधारने का अवसर प्रदान करना ही है। बताया कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए परीक्षार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति को लेकर सख्त है। |
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