मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, मोहाली। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मोहाली की विशेष विजिलेंस अदालत ने मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह मामला 2025 में दर्ज आय से अधिक संपत्ति के केस से जुड़ा हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर इंदरपाल सिंह ने अदालत में आवेदन देकर बताया कि जांच के दौरान गजपत सिंह ग्रेवाल की भूमिका बेहद संदिग्ध पाई गई है।
विजिलेंस का दावा है कि मजीठिया की कथित अवैध संपत्तियों को जुटाने, ट्रांसफर करने और छिपाने में ग्रेवाल ने अहम भूमिका निभाई। जांच में पता चला कि कई संपत्तियां और बैंक ट्रांजेक्शन ग्रेवाल के माध्यम से ही हुए थे।
विजिलेंस ने ग्रेवाल को बार-बार समन और नोटिस भेजे, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग करने से लगातार इनकार किया और जानबूझकर देरी की रणनीति अपनाई। सेक्शन 179 बीएनएनएस के तहत भी नोटिस जारी किए गए, फिर भी ग्रेवाल हाजिर नहीं हुए।
जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि ग्रेवाल के खिलाफ न तो कोई अग्रिम जमानत है, न ही कोई स्टे आर्डर और न ही कोई जमानत आवेदन लंबित है। अदालत ने विजिलेंस की दलीलें और रिकर्ड का अध्ययन करने के बाद आवेदन मंजूर कर लिया। विशेष जज ने आदेश में कहा कि आरोपित गजपत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ प्रस्तुत तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए उनके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किए जाते हैं।
विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी तेज कर दी है। सूत्रों का कहना है कि ग्रेवाल की गिरफ्तारी के बाद मामले में कई नए खुलासे हो सकते हैं। अदालत ने 10 नवंबर को मजीठिया को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेश किया था।
अब 26 नवंबर को इस मामले में चार्ज फ्रेम किए जाने पर दोबारा सुनवाई होगी। इस दौरान अदालत ने जेल प्रशासन को बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने के आदेश दिए हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने ग्रेवाल की तलाश तेज कर दी है और उनकी संपत्तियों पर भी नजर रखी जा रही है। |