कुकरैल नाइट सफारी एडवेंचर टूरिज्म\“ का नया केंद्र
शोभित श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ : राजधानी में विकसित किए जा रहे कुकरैल नाइट सफारी में पर्यटकों को कैंपिंग (तंबू में रात गुजारना) की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए नाइट सफारी के पीछे का क्षेत्र इको पर्यटन जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यहां फारेस्ट वाक, राक क्लाइम्बिंग व जिप लाइन जैसी रोमांचक गतिविधियों का भी आनंद उठाया जा सकेगा। कैंपिंग की सुविधा मिलने से पर्यटक नाइट सफारी के साथ ही जंगल में रात बिताने का अनूठा अनुभव भी ले सकेंगे। अभी यह सुविधा प्रदेश के किसी भी जंगल में नहीं है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि कैंपिंग सुविधा के साथ ही लखनऊ का यह प्रोजेक्ट देश में \“एडवेंचर टूरिज्म\“ का नया केंद्र बनेगा।
प्रदेश सरकार देश की पहली व विश्व की पांचवीं नाइट सफारी लखनऊ में बनवाने जा रही है। अभी सिंगापुर, थाइलैंड, चीन व इंडोनेशिया में नाइट सफारी हैं। करीब 855 एकड़ क्षेत्रफल में कुकरैल नाइट सफारी व चिड़ियाघर विकसित किया जाएगा। पहले चरण में नाइट सफारी के साथ ही इको टूरिज्म जोन विकसित किया जाएगा जबकि दूसरे चरण में चिड़ियाघर का विकास होगा। इसमें कुल 1510 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कुकरैल नाइट सफारी व चिड़ियाघर में कुल 610.34 एकड़ यानी करीब 71.3 प्रतिशत क्षेत्रफल में हरियाली रहेगी।
इको पर्यटन जोन
यहां 71.7 एकड़ क्षेत्रफल में इको पर्यटन जोन भी बनाया जाएगा। इसमें रोमांचक गतिविधियां जिप लाइन/सुपरमैन जिपलाइन, स्काई साइकिल व स्काई रोलर, बाडी व लैंड जार्बिंग, टायर व नेट क्लाइम्बिंग, बर्मा ब्रिज, पर्वतारोहण आदि का मजा पर्यटक ले सकेंगे। जल क्रीड़ा में पैडल बोट, वाटर ट्रैम्पोलिन व फव्वारा यहां आकर्षण के केंद्र रहेंगे। खेल व मनोरंजन के लिए यहां तीरंदाजी के अलावा जंगली जानवरों की थीम आधारित बच्चों की गतिविधियां की जाएंगी। इस क्षेत्र में प्रकृति और दर्शनीय स्थलों में लकड़ी का डेक व कैनोपी वाक, आर्किड गार्डन व वाच टावर पर्यटकों को लुभाएंगे।lucknow-city-general,Lucknow News,Lucknow Latest News,Lucknow News in Hindi,Lucknow Samachar,news,Lucknow News,Lucknow Latest News,Lucknow News in Hindi,Lucknow Samachar,teachers salary,government teachers,basic education department,UPPSC teachers,Diwali salary,teachers appointment letter,Uttar Pradesh news
कुकरैल नाइट सफारी के निदेशक राम कुमार ने बताया कि कैंपिंग साइट में कुल छह जोन में 120 कैंपिंग हट बनाई जाएंगी। इनमें पहले चरण में 20 कैंपिंग हट बनाने की योजना है। शेष पांच जोन बाद में विकसित किए जाएंगे। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कैंपिंग साइट के चारों ओर 15 मीटर का बफर जोन बनाया जाएगा व फेंसिंग की जाएगी। इससे जंगली जानवर अंदर नहीं आ सकेंगे।
ट्राम की भी कर सकेंगे सवारी
पर्यटकों को कुकरैल नाइट सफारी व चिड़ियाघर में ट्राम की भी सुविधा मिलेगी। नाइट सफारी में कुल 5.5 किलोमीटर ट्राम चलेगी। जबकि पैदल चलने के लिए यहां करीब दो किलोमीटर का रास्ता भी रहेगा। वहीं, चिड़ियाघर में कुल 3.75 किलोमीटर ट्राम दौड़ेगी। यहां 12 किलोमीटर का पथ बनाया जाएगा।
पार्किंग के शेड पर लगेंगे सोलर पैनल
कुकरैल नाइट सफारी में एक हजार कारों व 25 बसों की पार्किंग भी बनाई जाएगी। इसके शेड पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यानी अब पार्किंग शेड न सिर्फ वाहनों को धूप और बारिश से बचाएंगे, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा भी उत्पन्न करेंगे। इससे उत्पन्न बिजली का उपयोग पार्किंग क्षेत्र की लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरों और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों में किया जाएगा। इससे बिजली खर्च कम होगा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
 |