मृतका के बयान दर्ज कर एसएसआइ ने आरोपितों को पहुंचाया फायदा।
जागरण संवाददाता, बाबूगढ़ (हापुड़)। हापुड़ जनपद के बाबूगढ़ में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच में खेल करने के आरोपी एसएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने किया था।
वहीं, जांच अधिकारी एसएसआई ने दुष्कर्म के तीन आरोपियों में से दो को चार्जशीट में क्लीनचिट दे दी गई। जिन गवाहों के बयान पर यह क्लीनचिट दी गई है, उनमें दुष्कर्म पीड़िता की मां भी शामिल है। जबकि उनकी मौत तीन साल पहले ही हो गई थी। दरोगा ने मृत महिला के बयानों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले के आरोपियों को भी बचा दिया। चर्चा है कि इसके लिए लाखों का लेनदेन हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह था मामला
बाबूगढ़ थाने में सामूहिक दुष्कर्म का अभियोग 16 जुलाई 2025 को अपराध संख्या 184 पर दर्ज किया गया था। आरोपितों ने महिला की इज्जत को तार-तार कर दिया था। वहीं, मामला सामने आने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही थीं।
थानाक्षेत्र के एक गांव की युवती के साथ जुलाई में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसमें गाजियाबाद के मसूरी थानाक्षेत्र के गांव नाहल के रहने वाले परवेज, जुबैर व रिजवान को नामजद किया गया था। मेडिकल जांच व मजिस्ट्रेट के समक्ष हुए बयानों में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हो गई थी।
इस मामले की जांच थाने के एसएसआइ अनोद कुमार को साैंपी गई थी। इस मामले में पिछले दिनों जांच अधिकारी ने न्यायालय में चार्जशट दाखिल कर दी। इसमें दो नामजद आरोपितों क्लीनचिट दे दी गई।pauri-garhwal-common-man-issues,Pauri garhwal news,Navami celebration,Kanya Pujan,Temple crowds,Kotdwar news,Durga Devi Temple,Jwapa Dham,Hindu festival,Religious observance,Fasting rituals,uttarakhand news
पुलिस सूत्रों के अनुसार इनको क्लीचिट देने के लिए जांच अधिकारी ने कई लोगों के फर्जी बयान दर्ज किए हैं। घटनास्थल के आसपास रहने वालों तक के बयान नहीं लिए गए हैं। जिन लोगों के बयान दर्ज किए गए, उनमें पीड़िता की मां भी शामिल दिखाई गई।
पीड़िता की मां के बयानों में झोल दिखाया गया, जिसका लाभ आरोपितों को मिला। जिसके आधार पर आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया है। जबकि पीड़िता की मां का इंतकाल घटना से तीन साल पहले दो अगस्त 2023 को हो गया था।
सीओ को सौंपी गई जांच
समाचार प्रकाशित होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच सीओ वरुण मिश्रा को सौंपी थी। सीओ की जांच में आरोप सही पाए गए। जांच अधिकारी ने बयान लेने में निष्पक्षता का पालन नहीं किया। इसका लाभ दुष्कर्म के आरोपितों को मिला। सीओ ने बताया कि हमने अपनी जांच रिपोर्ट एसपी को भेज दी थी। जांच रिपोर्ट में एसएसआइ आनोद कुमार को सस्पेंड करने की संस्तुति की गई थी।
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जांच अधिकारी एसएसआई ने मृतका के बयान ही दर्ज कर दिए। मामला समाचार पत्र में आने पर जांच कराई गई। सीओ ने अपनी जांच में उसको दोषी पाया। जिसके आधार पर सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है। - कुंवर ज्ञानंजय सिंह - पुलिस अधीक्षक
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