पौड़ी गढ़वाल नवमी पर कन्या पूजन और मंदिरों में भक्तों की भीड़। जागरण
जागरण संवाददाता, कोटद्वार। नवमी का मौका, छोटी बेटियों के चेहरों पर जहां उत्साह नजर आ रहा था, वहीं व्रती माता-बहनों के चेहरों पर चिंताएं स्पष्ट दिख रही थी। चिंता इस बात कि किसी तरह माता के नौ रूपों के रूप में नौ बेटियों को प्रसाद ग्रहण करवा नौ दिनों से चल आ रहे व्रतों का पारण किया जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बेटियां आगे-आगे व व्रती माता-बहनें उनके पीछे-पीछे। जिस घर में बेटियां प्रवेश कर रही, वहां व्रती माता-बहनों के चेहरों पर सुकून स्पष्ट नजर रहा था। इधर, सुंदर वेशवूषा में सजी बेटियां भी पर्स टांग घर-घर पहुंच प्रसाद ग्रहण कर रही थी।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भले ही माताओं को तमाम जतन करने पड़ते हों। लेकिन, नवमी पर्व पर बिना मां की डांट सुने सुबह ही बेटियां नहा-धो कर तैयार नजर आई। इंतजार था तो बस गेट के बाहर से लगने वाली आवाज का। सुबह करीब साढ़े छह बजे जैसे ही गेट के बाहर से नाम पुकारा गया तो बेटी ने तुरंत कमरे से बाहर निकल गेट के बाहर खड़ी अन्य सहेलियों के साथ राह पकड़ ली।sangroor-state,sangrur,sangrur,paddy crop diseases,haldhi disease,leaf blight,crop yield,paddy farming,sangrur farmers,agricultural issues,paddy crop,disease outbreak,Punjab news
पहला घर, फिर दूसरा, फिर तीसरा....दोपहर तक व्रती माता-बहनों के बुलावे पर घर-घर जाने का सिलसिला जारी रहा। इधर, व्रती माता-बहनें बेटियों की तलाश में सुबह से ही गली-गली भटकती नजर आई। स्थिति यह रही कि किसी ने पांच तो किसी ने सात बेटियों को प्रसाद खिला व्रत का पारण किया। कम ही माताएं ऐसी थी, जिन्हें नौ बेटियों को प्रसाद खिलाने का मौका मिला।
मंदिरों में उमड़ी रही भीड़
नवमी के मौके पर क्षेत्र के तमाम मंदिरों में सुबह से ही भीड़ उमड़ी रही। कुछ मंदिरों में भी माता-बहनों ने ने बेटियों को प्रसाद ग्रहण करवा कर अपने व्रत का पारण किया। प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वाल्पा धाम के साथ ही कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर स्थित दुर्गा देवी मंदिर, सुखरो देवी मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया था। मंदिरों में बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे और माता के दर्शनों के उपरांत प्रसाद ग्रहण किया।
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