NIA ने आरिफ हुसैन की तलाश में कूचबिहार में डेरा डाला (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, कूचबिहार। दिल्ली बम विस्फोट कांड के आरोपित बांग्लादेशी नागरिक आरिफ हुसैन को पकड़ने के लिए एनआइए ने बंगाल के कूचबिहार में डेरा डाल दिया है। एजेंसी को विश्वास है कि आरिफ जिले के दिनहाटा के निकट किसी गुप्त स्थान पर छिपा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछले सप्ताह उसके घर पर छापेमारी में एनआइए को कई सुराग मिले थे। एनआइए को उसके एक नए बैंक खाते का सुराग मिला है। इसमें बड़े पैमाने पर संदिग्ध वित्तीय लेन-देन का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक, पता चला है कि आरिफ नए खाते के माध्यम से हवाला चैनलों के जरिए पैसे का लेन-देन करता था। यह खाता अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एजेंसी की तीन सदस्यीय टीम ने दिनहाटा-2 ब्लाक के नयारहाट ग्राम पंचायत के नंदीना गांव में पहुंची थी। वहां आरिफ हुसैन के घर पर करीब चार घंटे तक छापेमारी की गई। आरोप है कि आरिफ की सास ने उसे भगाने में मदद की।
पता चला है कि आरिफ सीमा पार कर बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने के बाद गुजरात के एक कपड़ा कारखाने में मजदूरी करता था। यहीं घुसपैठिए स्लीपर सेल संगठन से पहली बार उसका संपर्क स्थापित हुआ।
कुछ महीने पहले हिरासत में हुई थी पूछताछ
आरिफ के बारे में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ चुके हैं। कुछ महीने पहले भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सियालदह रेलवे स्टेशन से आरिफ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। उस समय उसके मोबाइल फोन से कई बांग्लादेशी नंबर मिले थे, लेकिन अपर्याप्त सुबूतों के कारण रिहा कर दिया गया। आरिफ के घर से जब्त मोबाइल फोन को एनआइए पहले ही फारेंसिक जांच के लिए भेज चुकी है। |