मथुरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार साध्वी हत्याकांड के आरोपी। फोटो: जागरण
संस, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। बुजुर्ग साध्वी चंद्रमुखी देवी उर्फ चित्रा दासी की गुमशुदगी अब एक खौफनाक अपराध की कहानी बनकर सामने आई है। उनकी हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए शव को यमुना पार ले जाकर जला दिया। पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का राजफाश करते हुए आठ में से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
21 दिसंबर 2024 को गोशाला नगर दो में रहने वाली साध्वी चंद्रमुखी देवी उर्फ चित्रा दासी अचानक गायब हो गई थीं। कई दिनों से मकान न खुलने पर आसपास के पड़ोसियों ने पुलिस और भतीजे को बुलाया। उस दौरान तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने इस मामले में ढिलाई बरती और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर इतिश्री कर ली।
जून-जुलाई में इस मकान के फर्जी कागजात सामने आने लगे। मामला एसएसपी श्लोक कुमार पर पहुंचा तो उन्होंने इसकी जांच सीओ सिटी आशना चौधरी को सौंपी। हत्या की आशंका के साथ मकान के फर्जी वसीयत, बैनामा आदि की जानकारी का उल्लेख करते हुए पुलिस ने 15 नवंबर को मुकदमा दर्ज किया।
मंगलवार रात 11 बजे पानी घाट तिराहे से जिम मालिक वृंदावन के गौरानगर गिरधारी मंदिर निवासी अभिषेक शर्मा, शेरगढ़ के लक्ष्मण नगर निवासी विजय सिंह, गौरानगर राधा गिरधारी मंदिर निवासी वकील मोहम्मद, रिफाइनरी के नरसीपुरम व वर्तमान पता कृष्णा धाम कालोनी निवासी ओमकार सिंह और शाहजहांपुर के थाना सिधौंली के गांव रेहरिया निवासी विकास मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपितों ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से साध्वी की हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को यमुना पार ले जाकर पहले से तैयार लकड़ी के ढेर पर जला दिया गया, ताकि कोई सबूत न बचे। हत्या के बाद आरोपियों ने तुरंत साध्वी के घर का ताला तोड़ा और उनके आधार कार्ड, पुराने दस्तावेज तथा मकान की रजिस्ट्री चोरी कर ली।
इसके बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। सीओ सिटी संदीप सिंह का कहना है कि विवेचना में जो तथ्य आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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