पटना के बाजार में बढ़ी बिहारी अंडे की डिमांड। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। Eggs Price in Patna: अंडे यानी प्रोटीन का खजाना। जिम जाने वालों का प्रमुख आहार। अंडे के बाजार का रुख राजधानी पटना में तेजी से बदल रहा है।
कुछ साल पहले तक यहां की दुकानों और रेस्टोरेंटों में आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के अंडों का दबदबा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
अब ग्राहकों की पसंद स्थानीय अंडे हो गए हैं। मोकामा, वैशाली और मुजफ्फरपुर के अंडे अपनी बेहतर गुणवत्ता, स्वाद और मजबूत परत के कारण लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।
व्यवसायियों के अनुसार दूसरे राज्यों से आने वाले अंडों की परत अपेक्षाकृत पतली होती है, इसके कारण टूटने की आशंका अधिक रहती है।
इसके विपरीत, स्थानीय फार्मों से आने वाले अंडों की परत मोटी और मजबूत होने के कारण परिवहन के दौरान क्षति कम होती है, इससे विक्रेता और ग्राहक दोनों इन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं।
कीमतों में लगातार उछाल
ठंड की शुरुआत होते ही अंडों की कीमतों में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। थोक बाजार में 210 अंडों के एक कार्टन की कीमत पिछले दिनों 1280 से 1330 रुपये थी।
अब उसकी कीमत बढ़कर 1350 से 1400 रुपये तक पहुंच गई है। खुदरा बाजार में प्रति अंडा 9 से 10 रुपये में बिक रहा है।
कुर्जी के अंडा व्यवसायी पिंटू बताते हैं कि छठ पूजा के बाद कीमतों में 8 से 10 रुपये प्रति कैरेट की वृद्धि दर्ज की गई है। पहले 30 अंडों का एक कैरेट 185 रुपये में मिल जाता था।
अब इसकी कीमत 195 से 200 रुपये तक हो गई है। पिछले नवंबर में 1300 रुपये का मिलने वाला कार्टन अब लगभग 1400-1430 रुपये का हो चुका है। मुर्गी के दाने की बढ़ी कीमतें इस तेजी का प्रमुख कारण हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हर दिन पहुंच रही हैं एक दर्जन गाड़ियां
जगदेवपथ के थोक विक्रेता शंकर ने बताया कि पंजाब, आंध्र प्रदेश, बंगाल और बिहार के विभिन्न इलाकों से प्रतिदिन करीब एक दर्जन वाहन अंडा लेकर पटना पहुंचते हैं।
हालांकि उपलब्धता पर्याप्त है, लेकिन खरीददार अधिकतर स्थानीय अंडे ही मांग रहे हैं। इससे स्थानीय उत्पादकों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रेस्टोरेंट व्यवसायियों पर दबाव, मुनाफा घटने की आशंका
अंडों की कीमत बढ़ने के बावजूद रेस्टोरेंटों में फिलहाल ग्राहकों पर इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ा है। राजाबाजार स्थित एक होटल के संचालक विकास पांडेय बताते हैं कि अभी तक व्यंजनों के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
फिर भी, रेस्टोरेंट उद्योग के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि अंडा कई लोकप्रिय व्यंजनों अंडा करी, अंडा दो प्याजा, एगरोल, चिकन बिरयानी और चिकन चिली आदि महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रतिदिन 450-550 अंडों की खपत करने वाले व्यवसायियों के अनुसार बढ़ती कीमतों से मुनाफे पर दबाव जरूर पड़ेगा, और आगे दाम बढ़ते रहे तो मेन्यू दरों में वृद्धि से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय उत्पादकों के लिए नया अवसर
बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि स्थानीय अंडों की बढ़ती मांग राज्य के पोल्ट्री उद्योग के लिए बड़े अवसर लेकर आई है।
इससे न सिर्फ बिहार के किसानों और उत्पादकों को लाभ मिलेगा, बल्कि रोजगार तथा उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होने की संभावना है।
बताया कि आने वाले दिनों में मांग और कीमतों में और तेजी आ सकती है। फिलहाल पटना में ‘बिहारी अंडा’ अपनी गुणवत्ता और विश्वसनीयता के बल पर बाजार के केंद्र में है। |