deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

सूरत : इस बार कपड़ा बाज़ार में दीपावली की रौन ...

deltin55 Yesterday 18:00 views 48

सूरत।  देशभर में कपड़े की पहचान बन चुके सूरत के टेक्सटाइल मार्केटों में इस बार दीपावली की रौनक फीकी नज़र आ रही है। जहां हर साल त्योहारी सीजन में व्यापारियों को ग्राहकी में जबरदस्त उछाल देखने को मिलता था, वहीं इस बार बाजार में मंदी और पेमेंट संकट ने कारोबारियों की चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
  व्यापारियों का कहना है कि इस साल राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों में रुक-रुक कर हो रही बारिश, कमजोर मांग और समय पर भुगतान न मिलने के कारण ग्राहकी में भारी गिरावट आई है। पिछले साल की तुलना में इस बार सीजनल सेल काफी धीमी है, जिसके चलते व्यापारी कर्मचारियों और आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।
  इस बीच, बाजार में रिटर्न गुड्स का दबाव भी बढ़ गया है। अलग-अलग मंडियों से हजारों मीटर का माल वापस लौट रहा है। खासकर रेनीयल, शर्मिली और 60 ग्राम जैसी सस्ती कैटेगरी की साड़ियों (₹150 से ₹300 रेंज) पर मुनाफा लगभग खत्म हो गया है।
   व्यापारियों के मुताबिक, बाहर के व्यापारी अपने टर्म्स एंड कंडीशन्स के तहत “एक-एक साड़ी तक” भी रिटर्न में भेज रहे हैं, जिनमें कई पुरानी डिजाइनें शामिल होती हैं। इससे न केवल इन्वेंट्री संभालना मुश्किल हो रहा है, बल्कि माल की कीमत भी आधी रह जाती है।
  जीएसटी लागू होने के बाद स्थिति और जटिल हो गई है। व्यापारी बताते हैं कि बाहर की मंडियों से आने वाले बिलों में अब प्रत्येक साड़ी पर 5% जीएसटी जोड़कर भेजा जाता है, जिससे हिसाब-किताब और बुक एडजस्टमेंट की प्रक्रिया और पेचीदा हो गई है।
   स्थानीय व्यापारी अंकित जैन ने बताया कि “पहले भी रिटर्न गुड्स की समस्या थी, लेकिन जीएसटी के बाद यह बढ़ गई है। अब पुराने और बंद डिज़ाइनों का भी रिटर्न आने लगा है, जिससे न तो नया माल उठता है, न पुराने का हिसाब साफ होता है।”
  अगर यह स्थिति जारी रही, तो व्यापारियों को डर है कि इस बार दीपावली सीजन में सूरत के कपड़ा बाजार की पारंपरिक चमक फीकी पड़ सकती है और छोटे कारोबारियों पर आर्थिक दबाव और बढ़ जाएगा।
like (0)
deltin55administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content