कैंडल जलाने के नुकसान: क्या आप जानते हैं? (Picture Credit- Canva)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोमांटिक-सा डिनर हो या फिर घर की वाइब में पॉजिटिव बदलाव लाना हो, कैंडल एक आसान और सस्ता विकल्प नजर आता है। अपने घर के अंदर रोजाना कैंडल जलाने वाले लोगों की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साथ ही इससे निकलने वाले धुएं व पार्टिकल्स सिरदर्द, चक्कर, एंग्जायटी या फिर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। अप्रैल 2015 में हुई स्टडी बताती है कि अगर मोमबत्ती ना भी जल रही हो तो भी वो टॉक्सिन्स छोड़ सकती है। आइए जानते हैं, रोजाना घर के अंदर कैंडल जलाने के क्या नुकसान हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
क्या होता है जब हम जलाते हैं कैंडल
मोमबत्ती जलाते ही हाइड्रोजन और कार्बन युक्त केमिकल कम्पाउंड हवा में घुल जाता है। जलती हुई मोमबत्ती के पार्टिकल्स में कुछ मात्रा में टोल्यूनि और बेंजीन के भी कुछ अंश रिलीज हो जाते हैं। टोल्यूनि का इस्तेमाल आमतौर पर पेंट थिनर और एडहेसिव में होता है।
वहीं, जंगल में लगने वाली आग, ज्वालामुखी और कोयले या तेल के जलने पर निकलने वाली गैसों में से एक बेंजीन भी है। हालांकि, बेंजीन की ज्यादातर मात्रा स्मोकिंग के जरिए शरीर में जाती है। यह कैंसरकारी गैस भी मानी जाती है, जिससे ल्युकेमिया और ब्लड कैंसर जैसे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
क्या वैक्स भी हो सकता है नुकसानदेह
मोम का टाइप और उसकी क्वालिटी भी काफी मायने रखती है। हालांकि, इसको लेकर अभी तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन पैराफिन वैक्स से बचना ही फायदेमंद है। यह पेट्रोलियम से बना होता है और इससे बाकी वैक्स की तुलना में ज्यादा हानिकारक गैस निकलती है। ये वैक्स सस्ता भी होता है।
अगर जलाना चाहते हैं सुरक्षित तरीके से मोमबत्ती
- सोया वैक्स, बीजवैक्स या स्टीयरिन वैक्स वाली मोमबत्तियां ही जलाएं।
- मोमबत्ती की बाती कॉटन, लकड़ी या फिर सिंथेटिक की बनी हो, उसमें लेड या जिंक जैसे मेटल नहीं होने चाहिए।
- अगर आपको खुशबूदार कैंडल जलाना पसंद है तो फिर एसेंशियल ऑयल वाली मोमबत्ती चुनें।
- केमिकल युक्त डाई वाली मोमबत्तियों से बचें।
- कैंडल जलते समय घर की खिड़कियां रखें और कमरा हवादार हो।
- सस्ती मोमबत्तियों के जाल में न फंसे, इनमें नुकसानदायक केमिकल्स का खतरा ज्यादा रहता है।
- मोमबत्ती की बाती बहुत लंबी नहीं होनी चाहिए, आप उसे खुद काटकर छोटी कर सकते हैं।
- सिरदर्द, सांस से जुड़ी परेशानी या आंखों की समस्या से बचने के लिए थोड़ी देर के लिए ही सेंटेड कैंडल जलाएं।
- प्रेग्नेंट महिला, छोटे बच्चों या सांस की बीमारी वाले रोगियों के आस-पास सेंटेंड कैंडल जलाने से बचें।
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