गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम लागू होने से पहले अंसल बिल्डवेल की रजिस्ट्रियों में हुई गड़बड़ियों का मामला तेजी से गहराता जा रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीसीपी) की ओर से 2022 में लगाई गई रोक के बावजूद कंपनी की कई संवेदनशील रजिस्ट्री कर दी गईं। इसी क्रम में एसडीएम बादशाहपुर ने शुक्रवार को बिल्डर के अधिकृत प्रतिनिधि को तलब कर पूरा रिकॉर्ड मांगा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तहसील सूत्रों के अनुसार बिल्डर की ओर से एक निचले स्तर के कर्मचारी देवेंद्र सिंह को रजिस्ट्री कराने के लिए अधिकृत किया गया है। हैरानी की बात यह है कि कंपनी पिछले 19 वर्षों से 2006 के पुराने बोर्ड रेजोल्यूशन के आधार पर रजिस्ट्री कराती आ रही है।
यह कितना ठीक हैं, इस बात की जांच चल रही हैं। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि बीते महीनों में अंसल बिल्डवेल ने नई प्रॉपर्टी बिक्री की है और कुछ रजिस्ट्री तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से पंजीकृत कराई गईं, जबकि टीसीपी ने 2022 में ही बिल्डर की पहली रजिस्ट्री (कन्वेयंस डीड) रोकने के स्पष्ट आदेश दिए थे।
सुशांत लोक फेज-2 और 3 में नियमों की अनदेखी
सूत्रों के मुताबिक वजीराबाद तहसील में सुशांत लोक फेज-2 और 3 में एक दर्जन से अधिक रजिस्ट्री पंजीकृत की गई हैं। माना जा रहा है कि यह पूरा नेटवर्क लंबे समय से कुछ प्राइवेट एजेंटों और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ से राजस्व विभाग की एक विशेष टीम भी वजीराबाद और बादशाहपुर तहसील में जांच कर रही है। टीम ने 1 अप्रैल 2025 से अब तक की सभी रजिस्ट्रियों व दस्तावेजों का पूरा ब्यौरा मांगा है। आने वाले दिनों में और भी अहम खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
लाखों के लेन-देन की आशंका, सरकार को भारी नुकसान
ऑनलाइन सिस्टम लागू होने से पहले 31 अक्टूबर तक बड़ी संख्या में मैन्युअल रजिस्ट्री की गईं। आरोप है कि इस अवधि में कई ऐसे दस्तावेज भी पंजीकृत किए गए जिन पर पहले से रोक लगी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान लाखों रुपये के लेन-देन हुए और सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचा। |