deltin33 • 2025-11-18 12:37:03 • views 312
धुआं फैलते ही एक्टिव हो गया हमसफर एक्सप्रेस के कोच नंबर 19 का स्मोक सेंसर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोंडा-बढ़नी के रास्ते आनंदनगर से गोरखपुर आ रही 12572 नंबर की हमसफर एसी एक्सप्रेस ट्रेन में एक यात्री को तलब लगी तो उसने सिगरेट सुलगा ली। सिगरेट का धुआं कोच में फैलते ही स्मोक सेंसर एक्टिव हो गया और सायरन बज गया। सायरन बजने पर यात्रियों में अफरातफरी मच गई। इसी बीच ट्रेन अचानक रुक गई। यात्री कोच से नीचे उतरने लगे। कोच से धुआं हटा तो ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। ट्रेन लगभग 20 मिनट रुकी रही। यात्री परेशान रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जानकारों के अनुसार रविवार को रविवार को सुबह 07 बजे के आसपास ट्रेन जैसे ही सिद्धार्थनगर से आगे बढ़ी तो बी 19 नंबर के कोच में धुआं फैलने लगा। अभी लोग कुछ समझते की स्मोक सेंसर सिस्टम एक्टिव हो गया। सेंसर बजने के साथ ट्रेन का प्रेशर भी डाउन हो गया और ट्रेन अचानक रुक गई। यात्री परेशान हो उठे। कुछ यात्रियों ने सिगरेट की गंध आने की बात कही। कुछ देर में धुआं हटा तो ट्रेन आगे बढ़ी।
ट्रेन के गोरखपुर पहुंचने पर मामले की जांच हुई। जांचकर्ताओं के अनुसार रेल लाइन के किनारे जल रहा धुआं कोच में घुसने से स्मोक सेंसर सिस्टम एक्टिव हुआ था और ट्रेन अचानक रुक गई थी। कोच की छानबीन करने पर सिगरेट व बीड़ी का कोई टुकड़ा नहीं मिला। लेकिन सवाल यह है कि पूरी तरह बंद वातानुकूलित कोच में बाहर से धुआं कैसे प्रवेश कर गया। जबकि, एसी कोचों की खिड़कियां पूरी तरह पैक होती हैं। गेट भी आटोमेटिक बंद हो जाता है।
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सभी प्रमुख ट्रेनों के कोचों में हैं स्मोक सेंसर
दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए हमसफर समेत सभी प्रमुख ट्रेनों के कोचों में स्मोक सेंसर सिस्टम लगा है। कोचों में धुआं उठते ही सिस्टम न सिर्फ एक्टिव हो जाता है, बल्कि सायरन बजाते हुए ट्रेन का प्रेशर भी समाप्त कर देता है। इससे आटोमेटिक ब्रेक लग जाता है। इससे दुर्घटना की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है। लोको पायलट प्रेशर बनाकर फिर ट्रेन को आगे के लिए रवाना करते हैं। ट्रेन या स्टेशन परिसर में धूमपान पर पूरी तरह रोक है। धूमपान करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना का प्रविधान है। जेल भी हो सकती है। |
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