प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। राज्यकर विभाग की सचल दल इकाई ने लकड़ी के व्यापार में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) चोरी का खेल पकड़ा है। जांच में सीतापुर की फर्म जारा इंटरप्राइजेज के मोबाइल नंबर पर 12 अलग-अलग फर्में पंजीकृत मिलीं, जबकि कारोबारी ढांचा संदिग्ध है। विभाग ने 67 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 8.60 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पूरा नेटवर्क सीजीएसटी में पंजीकृत फर्मों के माध्यम से चलाया जा रहा था। कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब राज्यकर की सचल दल इकाई ने लकड़ी से भरे तीन ट्रकों को पकड़ा। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में पता चला कि यह माल सीतापुर की जारा इंटरप्राइजेज द्वारा खरीदा गया था। पोर्टल पर रिकार्ड चेक करने पर पता चला कि जारा इंटरप्राइजेज ने लकड़ी सीतापुर की ही दो अन्य फर्मों से खरीदा है।
राज्यकर टीम ने जब खरीद श्रृंखला को और खंगाला तो सामने आया कि सीतापुर की ये फर्में गोरखपुर की एक फर्म से खरीदारी दिखा रही थीं, जबकि वहां भी लकड़ी का वास्तविक व्यापार नकद या न के बराबर मिला। इस तरह तीन जिलों में फैला फर्जी बिलिंग और बोगस आइटीसी का जाल सामने आया, जिसमें सिर्फ कागजों पर खरीद-बिक्री दिखाकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की जा रही थी।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मोबाइल नंबर से जारा इंटरप्राइजेज पंजीकृत थी, उसी नंबर से कुल 12 फर्मों का पंजीकरण है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह पैटर्न आमतौर पर बोगस फर्में तैयार करने, फर्जी इनवाइस जारी करने और आइटीसी पास कराने को इस्तेमाल करते है। कई फर्मों के पते, दस्तावेज और स्वामित्व विवरण में भी विसंगतियां मिली हैं। जिन फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपये की खरीद-बिक्री दिखाइ गइ है, उनके पास न तो पर्याप्त गोदाम हैं, न मशीनरी, न मजदूर और न ही कारोबार के हिसाब से आवश्यक बैंक लेनदेन।
केंद्रीय जीएसटी के प्रिंसिपल कमिश्नर को भेजी रिपोर्ट
राज्यकर अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत रिपोर्ट सीजीएसटी के प्रिंसिपल कमिश्नर को भेजी है। सीजीएसटी से समन्वय करके आगे की कार्रवाई, फर्मों की पंजीकरण निरस्तीकरण, बैंक खातों की जांच और मालिकों के विरुद्ध वसूली की प्रक्रिया विभाग द्वारा होगी।
आशंका है कि अन्य जिलों में इसी मोबाइल नंबर से या इससे जुड़े व्यक्तियों द्वारा और भी फर्जी फर्में संचालित की जा रही हों। विभाग ने संबंधित फर्मों से सभी रिकार्ड, जीएसटीआर रिटर्न, ई-वेबिल और बैंक लेनदेन रिपोर्ट की जानकारी शुरू कराई है। लकड़ी, स्क्रैप, धातु और ट्रेडिंग सेक्टर में बोगस फर्मों के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट पास कराकर टैक्स चोरी की जा रही है। इस चेन का कोकस तलाशने के लिए काम किया जा रहा है।
– आरए सेठ, अपर आयुक्त, एसआइबी राज्यकर मुरादाबाद जोन
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