फिरोजाबाद की चूड़ी
जागरण संवाददाता, हाजीपुर(वैशाली)। हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला इस बार फिरोजाबाद की चूड़ियों और कंगनों की खनक से खासा गुलजार हो उठा है। मेले के लकड़ी बाजार, लोहा बाजार रोड, बंबई बाजार, आर्ट एंड क्राफ्ट ग्राम और मीना बाजारों में करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें सजी हैं, जहां सुबह से लेकर देर रात तक महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। रंग-बिरंगी चूड़ियों से सजी दुकानें दूर से ही चमक बिखेरती हैं, और नेपथ्य में बजता गीत “चूड़ियां बजाऊं कि बजाऊं कंगना…” माहौल को और भी जीवंत बना देता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मेले में सबसे आकर्षक हैं फिरोजाबाद की चूड़ियां
फिरोजाबाद अपने कांच उद्योग और चूड़ियों की अनोखी कारीगरी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसी वजह से सोनपुर मेले में यहां की चूड़ियों का जलवा हमेशा रहता है, लेकिन इस बार कलेक्शन और भी ज्यादा आकर्षक दिख रहा है। दुकानदारों के अनुसार, इस बार वे फैशन ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए खास डिजाइनें लेकर आए हैं, जिन्हें युवा लड़कियों से लेकर नवविवाहिता दुल्हनों तक सभी खूब पसंद कर रही हैं।
दुकानों पर उपलब्ध चूड़ियों में
- कांच की फैंसी चूड़ियां
- जरी वर्क वाली लाइटवेट चूड़ियां
- ग्लास कंगन
- थ्री-पीस सेट
- कुंदन वर्क
- किरकिरी वर्क
- सीप और रेशम वर्क वाली चूड़ियां
मीना बाजार में महिलाओं की खूब भीड़
लकड़ी बाजार रोड स्थित मीना बाजारों में चूड़ियों की सजावट देखने लायक है। दुकानें रंगीन रोशनी से जगमगाती हैं, और कांच के यह नाजुक गहने उस रोशनी में मानो दुल्हन की तरह दमक उठते हैं।
दुकानदार बताते हैं कि सबसे अधिक भीड़ दोपहर बाद और शाम के समय होती है, जब परिवार के लोग घूमने निकलते हैं।
कई महिलाएं पारंपरिक सेट खरीद रही हैं, जबकि युवतियों को आधुनिक डिजाइन वाले कंगन और ब्रैसलेट की मांग अधिक है।
दुल्हनों की खास पसंद रंग-बिरंगे सेट
आर्ट एंड क्राफ्ट ग्राम और बंबई बाजार में दुल्हनों के लिए विशेष चूड़ी सेट उपलब्ध हैं। लाल, हरे, गुलाबी, मरून और गोल्डन शेड्स के भारी कंगन सेट नए-नवेली दुल्हनों को खूब भा रहे हैं।
कई दुकानदारों ने शादी सीजन को देखते हुए छोटे–मोटे पैकेज्ड सेट भी तैयार किए हैं, जिसमें कांच की चूड़ियों के साथ सोने जैसी दिखने वाली नक्काशीदार कंगन भी शामिल हैं।
दुकानदार राजू अंसारी बताते हैं, “हर साल अच्छा रिस्पांस मिलता है, लेकिन इस बार शादी का मौसम और मेले की रौनक ने मांग को और बढ़ा दिया है। सबसे ज्यादा बिक्री दुल्हन सेट और फैंसी कंगनों की हो रही है।”
हर रेंज में उपलब्ध हैं चूड़ियां
बाजार में चूड़ियों की कीमतें महिलाओं के बजट को देखते हुए अलग-अलग रेंज में रखी गई हैं।₹20 से लेकर ₹200 तक की रोजमर्रा वाली चूड़ियां, ₹300 से ₹800 तक के कंगन सेट, ₹1,000 से ऊपर की भारी भरकम शादी सेट
इन दिनों सबसे ज्यादा बिक रहे हैं।
दुकानदारों के अनुसार, कई महिलाएं एक साथ तीन–चार सेट खरीद रही हैं, क्योंकि इस बार डिजाइनों की विविधता पहले से कहीं अधिक है।
कला और परंपरा का अनोखा संगम
फिरोजाबाद के कलाकार पीढ़ियों से कांच की चूड़ियों का हुनर संजोए हुए हैं। सोनपुर मेला इस कारीगरी को बिहार के लोगों तक पहुंचाने का बड़ा माध्यम बन गया है।
दुकानों पर काम करते कारीगर बताते हैं कि एक-एक डिजाइन तैयार करने में घंटों की मेहनत लगती है।
कांच को गर्म भट्ठी में गलाकर बारीकी से आकार देना और फिर उस पर रंगों व जरी की सजावट करना बेहद नाजुक काम है।
मेले की रौनक बढ़ी
चूड़ियों की टन–टन और कंगनों की खनक सोनपुर मेले की पहचान बनती जा रही है। परिवारों के बीच घूमती महिलाएं, हाथों में भरी रंगीन चूड़ियां और दुकानों पर चमकते कलेक्शन इस बार मेले की रौनक को कई गुना बढ़ा रहे हैं।
मेले में घूमने आई पूजा सिंह कहती हैं, “सोनपुर आए बिना फिरोजाबाद की चूड़ियां खरीदना अधूरा लगता है। यहां की चूड़ियों में एक अलग ही चमक और नजाकत है।”
कुल मिलाकर, इस बार सोनपुर मेला सिर्फ पशु बाजार या झूलों तक सीमित नहीं, बल्कि फिरोजाबादी चूड़ियों और कंगनों की खनक ने इसे और भी खास और आकर्षक बना दिया है।
महिलाएं चाहे गांव की हों या शहर की सबके हाथों में बजती इन चूड़ियों की चमक मेले की रौनक में चार चांद लगा रही है।
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