deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

‘आतंकी बार-बार तुम्हारा नाम ले रहा है…’ सुनते ही दंग रह गया युवक, सामने आई सच्चाई तो ली राहत की सांस

cy520520 2025-11-17 15:07:51 views 648

  



आलोक तिवारी, कानपुर। साइबार जालसाज ठगी के लिए हर दिन नए पैर्टन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब वे अंताकी घटना का शिकार होने का झांसा देकर भी डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। गोविंद नगर निवासी एक युवक के साथ शनिवार को ऐसा ही झांसा देकर जालसाज ने अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया, लेकिन जागरूकता के कारण वह साइबर अपराधी के जाल में नहीं फंसे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने बताया कि दैनिक जागरण पढ़कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर अपराध के बारे में पता चला था। इसमें ही दी गई सलाह के आधार पर वह कॉल आते ही समझ गए थे कि ये ठग है, इसलिए उन्होंने लंबी बातचीत नहीं की और जाल में फंसने से बच गए।

गोविंद नगर निवासी पंकज चड्ढा ने बताया कि शनिवार को करीब 10:15 बजे उनके पास एक वाट्सएप कॉल आई। कॉलर ने फोन उठाते ही बताया कि मैं लखनऊ पुलिस से बोल रहा हूं। आप पर आतंकी हमला होने का खतरा है। इसके बाद उसने बताया कि अप्रैल में हुए पहलगाम हमले में शामिल एक आतंकी को पकड़ा गया है, जिसका नाम अफजल खान है। वह बार-बार तुम्हारा नाम ले रहा है। आपको लखनऊ आकर एटीएस मुख्यालय से सुरक्षा प्रमाण पत्र लेना होगा। इस पर उन्होंने लखनऊ आने से मना कर दिया और फोन काट दिया।

पंकज ने बताया कि करीब पांच मिनट बाद दूसरे नंबर से फोन आया और एटीएस के उच्च अधिकारियों से बात करने को कहा। बात करने से मना किया तो चिल्लाते हुए वीडियो कॉल कनेक्ट कर दी, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहने नजर आ रहा था।

उसने भी पहले बताई गईं बातें दोहराईं और अपना मोबाइल फोन फुल चार्ज करने व आधार कार्ड लेकर बैठने के लिए कहा। इससे पंकज सकपका गए। उन्होंने बताया कि इसी दौरान याद आया कि कोई भी सरकारी जांच एजेंसी संचार के लिए वाट्सएप या स्काइप का प्रयोग नहीं करती।

इसके बाद उन्होंने बात को आगे न बढ़ाते हुए फोन काट दिया और नंबर ब्लाक कर दिया। पंकज ने बताया कि जागरूकता के चलते साइबर जालसाज उन्हें 15 मिनट तक ही डिजिटल अरेस्ट रख पाए। इस संबंध में डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी।

गोल्डन आवर में दर्ज कराएं शिकायत

एक घंटे (गोल्डन आवर) के भीतर ठगी की जानकारी देने 1930 नंबर पर कॉल कर साइबर सेल को देने से गंवाई रकम वापस पाई जा सकती है। पीड़ित अगर तय समय के भीतर 1930 पर कॉल कर सही तथ्यों के साथ ठगी की जानकारी देते हैं तो वहां बैठे अधिकारी उनकी शिकायत साइबर सेल की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर दर्ज कर लेते हैं।

इसके बाद जिस बैंक के खाते में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई होती है, वहां की साइबर सेल उन रुपयों को फ्रीज कर देती है। सभी बैंकों की साइबर सेल 24 घंटे खुली रहती है।

सरकारी जांच एजेंसी वाट्सएप या स्काइप के जरिये नहीं करतीं आधिकारिक संचार

भारतीय कंप्यूटर आपातकॉलन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-एन) के मुताबिक, कोई भी सरकारी जांच एजेंसी आधिकारिक संचार के लिए वाट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफार्म का उपयोग नहीं करतीं, जबकि साइबर ठग इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुरुआत में शक होने पर तुरंत फोन काट दें। फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें। साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट के लिए पीड़ितों को फोन कॉल, ई-मेल से संदेश भेजते हैं।

बताते हैं कि आप मनी लान्ड्रिंग या चोरी जैसे अपराधों के तहत जांच के दायरे में हैं। ऐसे किसी कॉल और ई-मेल पर ध्यान न दें। साइबर ठग कॉल पर बातचीत के दौरान गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं।

उनकी बातचीत और फर्जी तर्कों से घबराहट हो सकती है, लेकिन घबराना नहीं है। न ही बैंक डिटेल व यूपीआइ आइडी शेयर करनी है। शांत रहें, सिर्फ सुनें। कॉल के स्क्रीनशाट या वीडियो रिकार्डिंग सेव करें ताकि आवश्यक होने पर उपयोग कर सकें।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1110K

Credits

Forum Veteran

Credits
112935
Random