प्लास्टिक कचरा प्रबंधन व एफएसटीपी के लिए जल्द तय करें स्थल : एसपी गोयल
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्य सचिव एसपी गोयल ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाइयों और फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) के लिए स्थल चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) स्पर्श सेल के लिए अतिरिक्त लोगों की नियुक्ति के लिए भी सहमति दे दी है। इस सेल के लिए चार स्टेट कंसल्टेंट, तीन लेखाकार और तीन कंप्यूटर आपरेटरों की नियुक्ति की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत गठित ‘उत्तर प्रदेश स्टेट सैनिटेशन मिशन’ की शीर्ष समिति की बैठक हुई। इसमें स्वच्छता से संबंधित विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई। प्रमुख सचिव पंचायती राज अनिल कुमार ने शहरी क्षेत्रों में एफएसटीपी से संबंधित तकनीकी कार्यों को जल निगम द्वारा किए जाने के बारे में जानकारी दी। बैठक में तकनीकी एजेंसी को एफएसटीपी की स्थापना के लिए डिजाइन और एस्टीमेट पर कार्य करने के निर्देश दिए गए।
इससे पूर्व, मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं पंचायती राज निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 54,17,255 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण पूरा कर भारत सरकार की वेबसाइट पर जियो-टैग कर दिया गया है। 93,697 ग्रामों को ओडीएफ प्लस माडल ग्राम घोषित किया गया है, जहां ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराए गए हैं। इनमें से 81,936 ग्रामों का प्रथम स्तरीय सत्यापन पूरा हो चुका है। प्रदेश में 115 गोबरधन परियोजनाओं के तहत बायोगैस प्लांट स्थापित किए गए हैं। हापुड़ और अमरोहा में एक-एक एफएसटीपी का निर्माण पूरा कर संचालन शुरू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की 102 इकाइयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एसएनए स्पर्श के माध्यम से धनराशि व्यय की नई प्रणाली लागू की गई है।
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