पलवल में पराली जलाने पर प्रशासन के सख्त आदेश।
जागरण संवाददाता, पलवल। पराली जलाने की घटनाओं पर पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला ने चेतावनी दी है कि पराली जलाना अपराध है और कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से ऑक्सीजन स्तर कम होता है, स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और भूमि की उर्वरा शक्ति में भी कमी आती है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पराली जलाने से वातावरण बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है। इस पर उच्चतम न्यायालय, हरियाणा सरकार और पुलिस महानिदेशक हरियाणा ने गंभीर संज्ञान लिया है। पराली जलाने के कारण आक्सीजन की कमी होती है, सांस लेने में दिक्कतें आती हैं और कई अन्य नुकसान होते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किसानों को हो सकता है नुकसान
उन्होंने प्रमुख नुकसानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे धुआं और जहरीली गैसें जैसे कार्बन डाइआक्साइड, मीथेन और नाइट्रोजन आक्साइड फैलती हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। धुएं से सांस की बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा होती हैं। मिट्टी में मौजूद कीट, बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। बड़े पैमाने पर आग लगने से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के अनुसार, पराली जलाते पकड़े जाने पर भारी जुर्माना, एफआईआर और अन्य कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
एसपी सिंगला ने आमजन से अपील की कि पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में खुद जागरूक हों और दूसरों को भी जागरूक करें। राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हुए पराली न जलाएं। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर पुलिस सख्ती से निपटेगी। सभी थानों के प्रभारियों को अपने क्षेत्र में व्यक्तिगत गश्त कर ऐसी घटनाओं को तुरंत रोकने के निर्देश दिए गए हैं। |