राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सरकार हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाने के लिए 40 हजार रुपये मूल्य वाले इंजेक्शन को मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों व प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क लगाने की सुविधा देने जा रही है। अभी तक इस इंजेक्शन को चिकित्सीय संस्थानों व कुछ जिला अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा था। शासन ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस इंजेक्शन को रखने के निर्देश दिए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हार्ट अटैक के मरीजों को कार्डियोलाजी विभाग तक पहुंचाने में कई बार देर हो जाती है, जिससे मरीज की जान पर बन आती है। ऐसे में शासन ने तय किया है कि टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन ऐसे मरीजों को तत्काल लगा दिया जाए। इसके बाद मरीज को सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में रेफर किया जाए।
क्या होता है इंजक्शन का असर?
इस इंजेक्शन के लगने के बाद रक्त का थक्का जमने की संभावना कम हो जाती है। हब एंड स्पोक माडल के तहत केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआइ के साथ ही वाराणसी के बीएचयू, आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, एमएलएन मेडिकल कालेज प्रयागराज की इमरजेंसी में यह इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। अब इसे सभी जिला अस्पतालों में भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या अधिक होती है, वहां भी इसे रखने के निर्देश दिए गए हैं। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. रतनपाल सिंह सुमन ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारियों को जिला अस्पतालों में टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज के इंजेक्शन रखने का निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ, देवीपाटन, अयोध्या, वाराणसी, अलीगढ़, मेरठ, कानपुर, प्रयागराज के जिला अस्पतालों में इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है। अन्य जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी अगले माह तक इंजेक्शन रखने की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। |