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देश में बंद पड़े हवाई अड्डों के लिए सरकार का नया प्लान, यात्रियों को मिलेगी खास सुविधा

Chikheang 2025-11-16 01:37:38 views 517
  

देश में बंद पड़े हवाई अड्डों के लिए सरकार का नया प्लान (फाइल फोटो)



जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। यात्रियों की कमी की वजह से उद्घाटन के बाद भी बंद पड़े देश के कई हवाई अड्डों को केंद्र सरकार अलग से कोई वित्तीय मदद तो नहीं देगी लेकिन उपयोगिता बढ़ा कर यात्रियों को आकर्षित करने की कोशिश जरुर करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमानन कंपनियों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इन हवाई अड्डों की संभावनाओं का गहन मूल्यांकन करेगा। उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जहां ढांचागत कमियां होंगी, उन्हें राज्यों के सहयोग से दूर किया जाएगा। प्रयास यही होगा कि इन महंगे निर्माण वाले हवाई अड्डों को रोजाना नहीं तो कुछ रूट से साप्ताहिक उड़ानों से जोड़ा जाए ताकि भारी-भरकम निवेश व्यर्थ न जाए।

सरकार की यह मंशा जब सामने आई है जब भारत का हवाई यात्रा बाजार तेजी से बढ़ रहा है लेकिन क्षेत्रीय हवाई अड्डों की उपयोगिता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।मंत्रालय की सूचना ही बताती है कि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत बने देश के कई हवाई अड्डे विरान हो चुके हैं। बड़ी वजह यात्रियों की संख्या न के बराबर होना ही है।
कब शुरू होगी सेवाएं

उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में उद्घाटित सात नए हवाई अड्डों में से चार ने विंटर शेड्यूल 2025 (अक्टूबर 2025 से मार्च 2026) के दौरान संचालन पूरी तरह बंद कर दिया है। इनमें अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और श्रावस्ती शामिल हैं। इनमें से कुछ का उद्घाटन पिछले विधान सभा चुनाव से पहले काफी धूम-धाम से किया गया।

मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का कहना है कि कुछ निष्क्रिय हवाई अड्डों में अगले तीन महीने के भीतर नई सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी। हालांकि वह यह मान रहे हैं कि कुछ हवाई अड्डों को चालू करना मुश्किल होगा। इसमें श्रावस्ती हवाई अड्डा भी शामिल है जो लखनऊ हवाई अड्डे से महज 167 किलोमीटर दूर है।

आजमगढ़ हवाई अड्डे का भी यहीं हश्र हुआ है। गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश और सिक्किम में भी चार अन्य हवाई अड्डे इसी श्रेणी में आते हैं, जहां उड़ान योजना के तहत निवेश के बावजूद उड़ानें शुरू नहीं हो सकीं। कुल मिलाकर देश में 11 ऐसे विकसित हवाई अड्डे हैं जो निष्कि्रय हैं, ये सभी क्षेत्रीय हवाई अड्डे हैं।

इन सभी का उद्घाटन हाल के वर्षों में हुआ है। लेकिन पूर्व में भी देश में करोड़ों रुपये खर्च करके कई हवाईअड्डों का निर्माण हुआ लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो सका। जैसलमेर (राजस्थान) और तेजपुर (असम) इसके उदाहरण हैं जहाां व्यावसायिक उड़ानें कभी शुरू ही नहीं हुईं। पिछले दो वर्षों में 20 से अधिक हवाई अड्डों का उद्घाटन हुआ है जिसमें चार ग्रीनफील्ड परियोजनाएं हैं।
आंध्र प्रदेश में बन रहे 7 नए हवाई अड्डे

एक दिन पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि हर 50 दिनों में एक नया हवाई अड्डा उद्घाटित हो रहा है। 2025 की पहली छमाही में आठ हवाई अड्डों की शुरुआत की गई है इसमें दतिया, सतना और हीरासर जैसे शहर शामिल हैं। अभी आंध्र प्रदेश में अकेले सात नए हवाई अड्डे बनाये जा रहे हैं।

भारत हवाई यात्रियों की संख्या में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। हवाई यात्रा बाजार अब लग्जरी नहीं हो कर आवश्यकता बन चुकी है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार भारत में हवाई यात्रियों की संख्या सालाना 7-10 से फीसद की रफ्तार से बढ़ रही है। आने वाले समय में यह और तेज हो सकती है। यही वजह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय निष्क्रिय हवाई अड्डों की संभावनाओं को लेकर अभी आशान्वित है।

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