प्रशांत किशोर के दावे में नहीं निकला दम। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। शनिवार (15 ननंबर, 2025) को पार्टी की ओर से चुनावी हार पर प्रतिक्रिया आई।
जन सुराज का कहना है कि एनडीए की जीत में महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की गई रकम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा, “हम विधानसभा चुनाव के नतीजों से निराश हैं, लेकिन परेशान नहीं हैं। हालांकि हमें एक भी सीट नहीं मिली है, फिर भी हम सत्तारूढ़ एनडीए का विरोध करते रहेंगे।“ विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
\“राजद की वापसी नहीं चाहते थे बिहार के लोग\“
उन्होंने कहा कि पार्टी बिहार में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में कामयाब नहीं हो पाई। उदय सिंह ने कहा, “जनादेश यह भी साबित करता है कि लोग राजद की वापसी नहीं चाहते थे।“ उन्होंने दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार की ओर से महिलाओं के खातों में 40,000 करोड़ रुपये के नकद हस्तांतरण ने उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
\“चुनाव से पहले रिश्वत देने की कोशिश की गई\“
जुन सुराज के अध्यक्ष यहां पर बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत राज्य की महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये भेजे गए। उन्होंने आरोप लगाया, “यह सरकार की ओर से चुनाव से पहले लोगों को रिश्वत देने की एक कोशिश थी। वोट खरीदे गए। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी नकद लाभ हस्तांतरित किए गए।“
जन सुराज नेता ने कहा, “अब हम यह देखना चाहते हैं कि सरकार राज्य की महिलाओं के खातों में शेष 2 लाख रुपये कैसे हस्तांतरित करती है।“
प्रशांत किशोर के राजनीति छोड़ने पर क्या बोली पार्टी?
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशांत किशोर राजनीति में सक्रिय रहेंगे, जबकि जदयू ने 25 से अधिक सीटें जीती हैं। इसके जवाब में जन सुराज नेता ने कहा, “आपको यह सवाल किशोर से ही पूछना चाहिए।“ किशोर ने पहले दावा किया था कि अगर नीतीश कुमार की जदयू 25 से अधिक सीटें जीतती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। विधानसभा चुनाव में जदयू को 85 सीटें मिलीं।
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