राजद नेता तेजस्वी यादव। फाइल फोटो
रविकांत सिंह, हाजीपुर। गंगा-गंडक की गोद में बसा राघोपुर। सूबे की राजधानी पटना से सटा इलाका। दो प्रखंड, राघोपुर एवं बिदुपुर। इलाका परिचय का मोहताज नहीं। बिहार ही नहीं देश-दुनिया में इलाका चर्चित रहा है। डेढ़ दशक तक लालू-राबड़ी के नाम से इलाका चर्चित रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके बाद एक दशक से तेजस्वी प्रसाद यादव राघोपुर से विधायक हैं। लगातार तीसरी आर जीत दर्ज कराकर हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। उनके मुकाबले में यहां से भाजपा से सतीश कुमार चुनावी मैदान में थे जिन्होंने लगातार तीसरी बार तेजस्वी के हाथों हारकर हार की हैट्रिक लगाई।
सतीश कुमार ने जदयू से चुनाव लड़ते हुए 2010 में राबड़ी देवी को पराजित किया था। हालांकि, इसके बाद इलाके ने उन्हें मौका नहीं दिया। इलाके में आज तक भाजपा का कमल नहीं खिल सका है। लगातार दो टर्म हार के बावजूद भाजपा ने उन पर ही इस बार भी दांव आजमाते हुए चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि इस बार उन्होंने यहां से अच्छी लड़ाई दी।
लालू-राबड़ी को लेकर चर्चित हुआ इलाका
राघोपुर वर्ष 1995 में तब चर्चे में आया जब सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने इसे अपना क्षेत्र चुना। 1980 से 1995 तक लगातार तीन टर्म विधायक रहे समाजवादी उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने लालू के लिए यह सीट खाली कर उन्हें यहां से चुनाव लड़ने का आफर दिया था। हालांकि, भोला बाबू को इस त्याग का इनाम भी मिला और लालू ने सरकार में उन्हें राज्य मंत्री बनाया और कई टर्म एमएलसी भी रहे।
1995 में लालू प्रसाद ने इस सीट से दर्ज कराई थी जीत
लालू यहां से जनता दल के टिकट पर 1995 में चुनाव जीते। हालांकि बाद में चारा घोटाले में लालू जेल चले गए। बाद में उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। राबड़ी ने 2010 तक इलाके का प्रतिनिधित्व किया।
2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू से सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को पराजित कर दिया। इस बार यहां से लगातार तीसरी आर लालू-राबड़ी के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव चुनावी मैदान थे जिन्होंने अपनी जीत की हैट्रिक लगाई।
63 वर्षों से यदुवंशी ही हो रहे हैं विधायक
राघोपुर बिहार का पहला ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां पिछले 63 वर्षों से यदुवंशी ही इलाके का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सबसे पहले 1962 में देवेंद्र सिंह ने यदुवंशियों का झंडा गाड़ा। हालांकि वे एक ही टर्म विधायक रहे लेकिन उनका गाड़ा हुआ झंडा इलाके में आज भी लहरा रहा है।
हालांकि बीच में 1967 से 69 तक दो वर्ष तक क्षत्रिय समाज के आने वाले समाजवादी हरिवंश नारायण सिंह विधायक रहे। उसके बाद लगातार यदुवंशी ही विधायक रहे। 1969 में रामवृक्ष राय, 1972 से 1977 तक बाबू लाल शास्त्री, 1980 से 1995 तक उदय नारायण राय, 1995 एवं 2000 में लालू प्रसाद, बाद में राजगीर चौधरी और उनके बाद राबड़ी देवी 2010 तक लगातार विधायक रहीं। 2010 में सतीश राय विधायक बने और उसके बाद 2015 से अब तक तेजस्वी प्रसाद यादव यहां से विधायक हैं।
1995 से अब तक रहे विधायक
1995 - लालू प्रसाद
2000 - लालू प्रसाद
2005 - फरवरी- राबड़ी देवी
2005 - अक्टूबर- राबड़ी देवी
2010 - सतीश कुमार
2015 - तेजस्वी प्रसाद यादव
2020 - तेजस्वी प्रसाद यादव
2025 - तेजस्वी प्रसाद यादव |
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