जागरण संवाददाता, हरिद्वार। जापान के युवा उद्यमी बाला कुंभ मुनि को निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की गई है। जगद्गुरू आश्रम के स्वामी राजराजेश्वराश्रम की अध्यक्षता और तेरह अखाड़ों के संतों की उपस्थिति में वैदिक रीति से बाला कुंभ मुनि का पट्टाभिषेक किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के संचालन में आयोजित पट्टाभिषेक समारोह में सन्यास परंपरा के अनुसार सबसे पहले बालाकुंभ मुनि के कानों से कुंडल उतारे गए। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्हें सन्यास दीक्षा प्रदान की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े में आयोजित पट्टाभिषेक समारोह में जगद्गुरू आश्रम के स्वामी राज राजेश्वराश्रम महाराज ने उनके कान में गुरु मंत्र फूंका और उन्हें संन्यास परंपरा से जोड़ते हुए दीक्षा प्रदान की। इस अवसर पर स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया सनातन संस्कृति को अपना रही है। सनातन संस्कृति की पताका फहराने में युगों-युगों से संत समाज की अहम भूमिका रही है।
फहराएंगे सनातन धर्म संस्कृति की पताका
महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति की पताका फहराएंगे। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि युवा संत महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी सन्यास और अखाड़ा परंपरा का पालन करते हुए पूरे विश्व के युवाओं को धर्म और अध्यात्म से जोड़ते हुए सनातन को मजबूत करने का काम करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी जापानी समाज को मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ धार्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।
महामंडेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें स्वामी राजराजेश्वराश्रम एवं श्रीमहंत रविंद्रपुर महाराज के सानिध्य में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।