हरे रंग के घेरे में डॉ. परवेज और बहन शाहीन।
जागरण संवाददाता, आगरा। दिल्ली धमाके में गिरफ्तार किए गए डाॅ. परवेज से मिलने के लिए एसएन मेडिकल कालेज उसकी बहन डाॅ. शाहीन भी आई होगी। इस दिशा में भी जांच एजेंसी जानकारी जुटा रही हैं।
एसएन के पूर्व छात्रों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है, जिससे उनसे भी जानकारी ली जा सके। गुरुवार को भी एसएन मेडिकल कालेज में दिन भर डाॅ. परवेज अंसारी को लेकर चर्चाएं चलती रहीं, उसके साथ एमडी करने वाले अलग अलग शहरों में डाक्टर हैं। उन्होंने भी चुप्पी साध रखी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसएन मेडिकल कालेज में डाॅ. परवेज अंसारी ने 21 मई 2012 को एमडी (मेडिसिन) में प्रवेश लिया था, 2015 में एमडी पूरी हुई। छह महीने सीनियर रेजीडेंट के पद पर सेवाएं देने के बाद जनवरी 2016 में एसएन से चला गया।
इस दौरान वह पीजी बैच 2009 से 2016 बैच के जूनियर डाॅक्टरों के संपर्क में रहा। वह सीनियर ब्वायज हास्टल में रहता था। पढ़ाई में सामान्य था, उस दौरान डाॅ. शाहीन कानपुर मेडिकल कालेज में चिकित्सा शिक्षक थी।
उस समय अपने भाई से मिलने के लिए डाॅ. शाहीन एसएन भी आई होगी, उसने ही अपने भाई के शोध पत्र तैयार कराए थे। इसलिए वह यहां रुकी भी होगी, इस दिशा में भी जांच की जा रही है।
वह हाॅस्टल परिसर में नमाज भी पढ़ता था, उसके बैच में 14 जूनियर डाॅक्टर थे, उनका ब्योरा भी जुटाया गया है, ये अलग अलग शहरों में कार्यरत हैं, विदेश में भी हैं। डाॅ. परवेज के जूनियर और सीनियर बैच के जूनियर डाॅक्टरों का भी ब्योरा भी जुटाया जा रहा है।
उधर, एसएन मेडिकल कालेज में दूसरे दिन भी दिल्ली धमाके की चर्चा चलती रही। एमडी के दौरान डाॅ. परवेज डरा सहमा रहता था, पीजी क्लास में चिकित्सा शिक्षकों के सवालों के जवाब भी नहीं दे पाता था।
केस स्टडी भी ठीक तरह से प्रजेंट नहीं कर पता था, उसकी मदद साथी जूनियर डाक्टर करते थे। एसएन के प्राचार्य डाॅ. प्रशांत गुप्ता ने दस्तावेज सीज करा दिए हैं जिससे जांच एजेंसी द्वारा दस्तावेज मांगे जाते हैं तो उपलब्ध कराए जा सकें।
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