deltin33 • 2025-11-14 13:37:45 • views 348
उत्पन्ना एकादशी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। यह पर्व हर साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ज्योतिषियों की मानें तो उत्पन्ना एकादशी के दिन चंद्र देव राशि परिवर्तन करेंगे। चंद्र देव के राशि परिवर्तन करने से दो राशि के जातकों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से हर काम में सफलता मिलेगी। आइए, इन राशियों के बारे में सबकुछ जानते हैं-
सिंह राशि
चंद्र देव के राशि परिवर्तन से सिंह राशि के जातकों को फायदा होगा। इससे पहले चंद्र देव सिंह राशि में विराजमान थे। वहीं, कन्या राशि में गोचर के दौरान चंद्र देव सिंह राशि के धन भाव को देखेंगे। इससे शुभ कामों में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सभी बिगड़े काम बनेंगे। फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है। फ्यूचर की प्लानिंग कर सकते हैं। जीवन में सुखों का आगमन होगा। अपने किसी से आपको हेल्प मिल सकती है। गिले-शिकवे दूर कर जीवन में आगे बढ़ें। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी।
वृश्चिक राशि
चंद्र देव के कन्या राशि में गोचर करने से वृश्चिक राशि के जातकों को आर्थिक लाभ होगा। चंद्र देव की कृपा से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। घर पर मांगलिक कार्य होंगे। किसी खास व्यक्ति से भेंट हो सकती है। कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यात्रा के योग हैं। जलीय यात्रा के योग बनेंगे। घर पर मेहमानों का आगमन होगा। किसी काम के होने से मन प्रसन्न रहेगा। ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई गुड न्यूज मिल सकती है। बड़े भाई से आपके रिश्ते मधुर होंगे। माता-पिता की सेवा करें। रुके काम बनेंगे।
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