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Delhi Blast: पढ़ने में बेहद होशियार है डा. आरिफ, अब खंगाला जा रहा कश्मीरी डॉक्टरों का इतिहास

LHC0088 2025-11-14 00:38:32 views 808

  

एक अगस्त, 2025 को ही कार्डियोलाजी किया था ज्वाइन. सोशल मीडिया



जागरण संवाददाता, कानपुर । जीएसवीएम मेडिकल कालेज में वर्ष 2006 से 2013 तक लगभग आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता रही डा. शाहीन के साथी डा. मो. आरिफ मीर को एटीएस की टीम ने पकड़ा तो राज खुलने लगे हैं। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) के निदेशक डा. राकेश वर्मा के अनुसार, संस्थान में काम करते हुए डा. मो. आरिफ मीर की कोई गतिविधि संदिग्ध नहीं दिखी। पूरे समय वह इमरजेंसी में काम करने के बाद अपने अशोक नगर स्थित फ्लैट में जाता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

संस्थान में उसका चयन नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट सुपर स्पेशियलिटी (नीट-एसएस-2025) काउंसिलिंग के जरिए एक अगस्त, 2025 को हुआ था। श्रीनगर में प्रारंभिक पढ़ाई व एमबीबीएस करने वाले मो. आरिफ को नीट एसएस परीक्षा में 1608 रैंक मिली थी। दूसरी काउंसिलिंग के जरिये वह डॉक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) करने के लिए आया था। उसने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) लखनऊ के लिए पहली काउंसिलिंग में आवेदन किया था। वहां सीट नहीं मिलने के बाद कार्डियोलाजी दूसरी पसंद थी, जहां रैंक के हिसाब से सीट मिली और वह बतौर सीनियर रेजिडेंट इमरजेंसी में काम कर रहा था।

गुरुवार को कार्डियोलाजी में पत्रकारवार्ता में अशोक नगर स्थित फ्लैट में आरिफ के साथ रहने वाले मूलरूप से नई दिल्ली निवासी सीनियर रेजिडेंट डा. अभिषेक ने बताया कि प्रापर्टी डीलर के जरिये उन्होंने किराये पर कमरा लिया था। वहां पहले अलीगढ़ के डा. यासिर उनके साथ रहते थे। उनके जाने के बाद मो. आरिफ रहने लगे। उसका किसी से कभी विवाद नहीं हुआ और न ही कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखी। अब संस्थान जम्मू-कश्मीर से आए हर डॉक्टर की जांच करा रहा है। संस्थान के प्रो. अवधेश शर्मा ने बताया कि 32 वर्षीय डा. मो. आरिफ श्रीनगर निवासी पुलिस कर्मी गुलाम हसन मीर का बेटा है। उसकी शुरुआती पढ़ाई जम्मू कश्मीर स्टेट बोर्ड से हुई। 2008 में 10वीं व वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट करने के बाद उसने वर्ष 2017 में श्रीनगर मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की।
कश्मीरी डॉक्टरों व डा. शाहीन के समय का खंगाल रहे इतिहास

जीएसवीएम मेडिकल कालेज व कार्डियोलाजी में पढ़ने व नौकरी करने वाले जम्मू-कश्मीर के मेडिकल छात्रों व डॉक्टरों का इतिहास जांच टीमें खंगाल रही हैं। सभी के आपसी संवाद की भी जांच की जा रही है। कार्डियोलाजी में वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के छह डॉक्टर डॉक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कालेज के रेजिडेंट व प्रवक्ता पद पर काम कर रहे लोगों पर भी खुफिया एजेंसियों की नजर है। खासतौर पर डा. शाहीन के समय में कालेज परिसर में रहने वाले प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर का डाटा भी खंगाला जा रहा है।

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