अल फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा नंबर 4 और 13 में क्या होता था। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विस्फोट मामले की जांच जारी है। फरीदाबाद मॉड्यूल के अलावा कई एंगल से जांच की जा रही है। इस बीच जांच एजेंसियों को आतंकी डॉक्टर उमर और डॉ. मुजम्मिल की डायरियां मिली हैं।
जांचकर्ताओं को दोनों आतंकियों की ये डायरी अल-फलह विश्वविद्यालय कैपस के कमरा नंबर 4 और 13 से मिली हैं। बताया गया है कि यहीं पर डॉ. उमर और मुजम्मिल रहते थे।
आतंकियों की डायरियों से हुए बड़े खुलासे
दोनों आतंकियों की डायरियों से कई बडे़ खुलासे हुए हैं। डायरी से पता चला है कि आतंकी बीते दो साल से विभिन्न जगहों पर धमाके की योजना बनाने की कोशिश में थे। इन डायरियों में कई बातें कोड में लिखी गई हैं, जिसको एजेंसियां डिकोड करने में लगी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि डायरी में करीब 25 लोगों के नाम भी लिखे हैं, जिसमें अधिकांश जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के रहने वाले थे।
दो और वाहन तैयार कर रहे थे आतंकी
वहीं, जांच के दौरान पता चला है कि i20 और ईको स्पोर्ट के अलावा संदिग्ध विस्फोट के लिए दो और वाहन तैयार कर रहे थे। आतंकियों का लक्ष्य और बड़े हमले को अंजाम देना था।
कई शहरों में धमाकों की योजना बना रहे थे आतंकी
जांच एजेंसियों ने बताया कि ये डॉक्टर मॉड्यूल के आतंकी देश के चार शहरों को निशाना बनाने की तैयारी में थे। शुरुआती जानकारी के अनुसार, हर एक ग्रुप के एक शहर में धमाका करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, संदिग्ध दो-दो के जोड़ी बना कर अलग-अलग शहरों में जाने की योजना बना रहे थे। बताया जाता है कि इसमें हर एक समूह आईईडी के साथ हमला करने की फिराक में था।
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