सीएमओ मंजीत सिंह की मौत के बाद अस्पताल में विलाप करते परिजन। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। यमुनानगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मंजीत सिंह की सोमवार को हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। यह घटना उनके नाना के पुश्तैनी मकान, गांव शांति नगर कुरड़ी में हुई। स्वजनों को सुबह इस घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने शव को एलएनजेपी अस्पताल में लाने की प्रक्रिया शुरू की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया और उनके ब्लड का सैंपल भी जांच के लिए लिया गया। शव को डीप फ्रीजर में रखा गया है और उनके बेटे स्वास्तिक के यूएसए से लौटने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि 22 सितंबर को डा. मंजीत सिंह पर एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने गंभीर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। डा. मंजीत सिंह ने एंटीसिपेट्री बेल के लिए न्यायालय में अर्जी दी थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी। इसके बाद वे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपील करने की तैयारी में थे।
चर्चा यह भी है कि यौन शोषण के आरोप में केस दर्ज होने के बाद से ही वह तनाव में थे। केस दर्ज होने के बाद से ही वह फरार थे। जिसके चलते आत्महत्या की है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। डा. मंजीत सिंह के परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
उनका पुत्र यूएसए में विज्ञान संकाय में स्नातकोत्तर कर रहा है और पिता की मृत्यु की सूचना मिलने के बाद वह भारत के लिए रवाना हो गया है। उम्मीद है कि वह मंगलवार देर शाम तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।chamoli-general,Uttarakhand News, Chamoli News, Tharali assembly constituency, ,uttarakhand news
डा. मंजीत सिंह के पिता युद्ध में हुए थे बलिदान
डा. मंजीत सिंह के पिता डिप्टी कमांडेंट जोगिंदर सिंह ने 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में देश के लिए बलिदान दिया था। देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने पर उन्हें मरणोपरांत उनकी मां कृष्णा बाछल को वीरचक्र से सम्मानित किया गया था। ऐसे में उनका पालन-पोषण भी शांतिनगर कुरड़ी स्थित अपने नाना के घर पर हुआ।
एलएनजेपी अस्पताल में दो साल चिकित्सा अधीक्षक रहे मंजीत सिंह
डा. मंजीत सिंह दो साल तक एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात रहे थे। नौ दिसंबर 2017 से 31 जनवरी 2020 तक उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक का पदभार संभाला था। 20 मार्च 2025 को डा. मनजीत सिंह का तबादला करनाल में बायो लैबोरेटरी के इंचार्ज के पद पर किया गया था।
इतना ही नहीं इस बीच उन्होंने अपने पिता की याद में अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस के पास एक पार्क भी विकसित किया था। मगर दुखद यह रहा कि जिस पार्क परिसर में उन्होंने अपनी पिता की याद में पार्क डेवलप किया था। उसी पोस्टमार्टम हाउस में उनका पोस्टमार्टम हुआ।
ये दर्ज है केस
स्वास्थ्य विभाग में तैनात महिला कर्मी ने आरोप लगाया था कि सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह उसके साथ अश्लील बातें करते हैं। वह अक्सर कार्यालय में नशे की हालत में पहुंचते थे। जिससे असहजता महसूस होती है।
बिना किसी कारण वह उसे कार्यालय में बुलाते। आरोप था कि उसे जातिसूचक शब्द कहे गए। मोबाइल पर काल कर अश्लील बातें की गई। मिलने का दबाव बनाया गया। इसमें फ्लीट मैनेजर सचिन का भी दबाव है। मामले में महिला थाना पुलिस ने 22 सितंबर को केस दर्ज किया था।
 |