बैठक में उपस्थित अधिकारी
जागरण संवाददाता, बरेली। सरकार की मंशा है कि कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर उसके देयकों का भुगतान समय से हो जाए और मृतकों के आश्रितों को नियमानुसार निर्धारित समयावधि में सेवायोजित किया जाए, जिससे मृतक के परिवार को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना न करना पड़े। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह बातें उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ‘वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति’ के सभापति डा. रतन पाल सिंह ने अधिकारियों से कहीं। विकास भवन सभागार में बरेली और बदायूं की समस्त विभागों में सेवानिवृत्त कर्मचारी के देयकों के भुगतान और सेवारत कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों के सेवायोजित किए जाने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विभागों के स्तर से किसी भी प्रकार की लापरवाही करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बदायूं में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि के सापेक्ष मुआवजे की समीक्षा में अधिकारी ने बताया कि 1046 किसानों के कुछ वाद लंबित है। इनका पैसा संरक्षित है, जैसे ही कोर्ट से निस्तारण या आदेश होता है तो उन्हें पैसा दिया जाता है। समिति ने वर्ष 2022-23 से 2025 तक कितने किसानों को कितना पैसा दिया गया, उसकी जानकारी मांगी और संबंधित विभाग को मासिक चार्ट बनाने के निर्देश दिए।
बदायूं की नगर पंचायत उसावां में मृतक आश्रितों के कई आवेदन लंबित होने पर समिति ने नाराजगी जताई। कमेटी बनाकर समयावधि निर्धारित करते हुए कार्यवाही करने और समिति को बताने के निर्देश दिए। जिला पंचायत राज अधिकारी बदायूं के यहां मृतक आश्रित के सेवायोजन से संबंधित 10 प्रकरण लंबित मिले, जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि उनके यहां लगातार काउंसलिंग की जाती है। जिनके बच्चे पांच वर्ष के अंदर बालिग नहीं हो रहे हैं, उनके यहां मृतक आश्रित की पत्नी को समझाकर सेवायोजित किए जा रहा है।
बताया गया कि जल निगम (ग्रामीण) बदायूं के तहत 341 पानी की टंकी का निर्माण होना है, जिसके सापेक्ष 216 में पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस पर प्रभारी जिलाधिकारी को 216 की सूची लेकर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर एक माह में पानी आपूर्ति और रोड रेस्टोरेशन का स्थलीय सत्यापन कराकर समिति को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।समिति ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि नकली बीज व खाद की बिक्री नहीं होनी चाहिए, साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग को प्राइवेट लोगों के सहयोग से विद्यालय में सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बदायूं के उपायुक्त उद्योग को सेवारत कर्मचारी की मृत्यु के एक माह के अंदर ही आश्रित को सेवायोजित किए जाने पर प्रशंसा की। बरेली की समीक्षा के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग से कई जानकारी ली गई। अफसरों ने बताया कि विभाग ने 631 छापे मारे हैं, 975 नमूने लिए हैं, जिसके सापेक्ष 823 की रिपोर्ट आयी है, जिसमें 461 अधोमानक पाए गए हैं, कुछ में वाद चल रहे हैं। समिति ने विभाग द्वारा पैरवी करवाकर कोर्ट में लंबित वादों को निस्तारित करवाने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि 22 मृतक आश्रितों को सेवारत किया गया है। अधिकांश सेवानिवृत्त के देयकों के भुगतान कर दिए गए हैं। कुछ के प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि पांच पंचायत भवनों के निर्माण तथा अंत्येष्टि स्थल के निर्माण को धनराशि प्राप्त हुई थी, जिसका निर्माण जनप्रतिनिधियों के सुझाव लेते हुए करवाया गया है। बरेली के प्रतिकर के भुगतान की स्थिति अच्छी पाए जाने पर समिति ने प्रशंसा की।
एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त ने एनपीएस, ओपीएस के साथ ही यूपीएस के बारे में सभी अधिकारियों को व्यापक जानकारी रखने के निर्देश दिए। बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के भी निर्देश दिए गए। समिति ने सभी अधिकारियों को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की धारणा के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में सदस्य विधान परिषद विजय बहादुर पाठक, जयपाल सिंह व्यस्त, कुंवर महाराज सिंह, निजी सचिव सर्वेश चन्द्र गुप्ता, उप सचिव सतीश चन्द्र यादव, समीक्षा अधिकारी मनोज कुमार, जिलाधिकारी बरेली अविनाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी बरेली देवयानी, मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी जिलाधिकारी बदायूं केशव, नगर आयुक्त बरेली संजीव कुमार मौर्य उपस्थित रहे।
इनके अलावा उपाध्यक्ष बरेली विकास प्राधिकरण मनिकंडन ए., मुख्य चिकित्साधिकारी बरेली डा. विश्राम सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बरेली पूर्णिमा सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक बरेली देश दीपक सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी बरेली दीक्षा भण्डारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक बदायूं कल्पना, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बदायूं हृदेश, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी बरेली अंशिका सहित बरेली/बदायूं के सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे। |