मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसा का षड्यंत्र रच रहे चार गिरफ्तार।- सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू कराने के इरादे से प्रदेश में एक और गहरा षड्यंत्र रचा जा रहा था। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से जुटे कट्टरपंथियों का एक समूह मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसा फैलाने की फिराक में था। खासकर हिंदू धार्मिक नेताओं को निशाना बनाए जाने की योजना थी। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने इस मामले में चार आरोपितों सुलतानपुर निवासी अकमल रजा, सोनभद्र निवासी सफील सलमानी उर्फ अली रिजवी, कानपुर निवासी मु.तौसीफ व रामपुर निवासी कासिफ अली को गिरफ्तार किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एटीएस अधिकारियों के अनुसार आरोपित कई कट्टरपंथी पाकिस्तानी संगठनों के संपर्क में थे। हिंसा के लिए हथियार जुटाने का प्रयास भी हो रहा था। इनके निशाने पर इस्लाम को लेकर बयान देने वाले हिंदू धार्मिक नेता था। टारगेट किलिंग के लिए फंड भी जुटाया जा रहा था। गिरोह के कुछ अन्य सक्रिय सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।
पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित होकर वाट्सएप, टेलीग्राम व सिग्नल एप समेत अन्य माध्यमोें से कट्टरपंथियों को जोड़ा गया था। पहले बड़े ग्रुप बनाए गए और उनमें से कुछ खास लोगों को अलग-अलग छोटे ग्रुप में जोड़ा गया था। आरोपितों ने आठ से दस सदस्यों का एक कोर ग्रुप भी तैयार किया था, जिसके माध्यम से प्रदेश में हिंसात्मक घटनाएं करने की साजिश रची जा रही थी। विभिन्न ग्रुप पर भड़काऊ आडिया व वीडियाे भेजकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाया जा रहा था।
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विभिन्न माध्यमों से धन भी एकत्रित किया जा रहा था, जिसे लेकर एटीएस गहनता से छानबीन कर रहा है। आरोपितों के विरुद्ध एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। शुरुआती पूछताछ में चारों आरोपितों ने जंग-ए-जिहाद व देश में शरिया कानून लागू कराने के लिए कई युवकों को जोड़ा है। जिन्हें मुसलमानों पर हो रहे जुल्मों का बदला लेने के लिए तैयार किए जाने की योजना थी। इसके लिए कट्टरपंथी युवाओं को जोड़कर अलग हिंसात्मक ग्रुप तैयार किया जा रहा था।
एटीएस अधिकारियों का कहना है कि आरोपितों के मोबाइल फोन खंगाले जा रहे हैं। आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के उपरांत पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर विभिन्न बिंदुओं पर छानबीन कराई जा रही है। इनके बैंक खातों का भी पता लगाया जा रहा है। खासकर कोर ग्रुप से जुड़े रहे अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है। आरोपितों का नेटवर्क प्रदेश के कई शहरों में फैला था।
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