गौतम गंभीर ने फाइनल को लेकर किया था बड़ा फैसला
जेएनएन, दुबई: भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने बताया कि एशिया कप फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के विरुद्ध गेंदबाजी की शुरुआत शिवम दुबे से करने का फैसला मुख्य कोच गौतम गंभीर का था। हार्दिक पांड्या चोटिल होने के कारण फाइनल से बाहर हो गए थे, जिससे टीम को मुश्किल फैसला लेना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मैनेजमेंट ने उनकी जगह अतिरिक्त बल्लेबाज रिंकू सिंह को शामिल किया, जिसकी वजह से गेंदबाजी इकाई थोड़ी कमजोर दिख रही थी। फाइनल से पहले हर मैच में नई गेंद से पारी की शुरुआत हार्दिक ही कर रहे थे, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में सूर्यकुमार और गंभीर को नई योजना बनानी पड़ी और बुमराह के नए पार्टनर की तलाश करनी पड़ी।
अर्शदीप को न चुनने पर उठे सवाल
हार्दिक की जगह अर्शदीप सिंह को बाहर रखने के फैसले पर कुछ फैंस ने सवाल भी उठाए, लेकिन कप्तान और कोच दोनों अपनी रणनीति को लेकर स्पष्ट थे। उन्होंने शिवम दुबे पर भरोसा जताया, जिन्होंने पारी का पहला ओवर डालते हुए सिर्फ चार रन दिए और अंत में तीन ओवर में 23 रन देकर किफायती प्रदर्शन किया।
गंभीर का यह रणनीतिक दांव फाइनल में भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने ही शिवम दुबे को हार्दिक की अनुपस्थिति में नई गेंद सौंपने का साहसिक निर्णय लिया था। सूर्यकुमार ने बताया कि यह फैसला उनके कोच का था और उन्होंने पूरा भरोसा जताते हुए इसे लागू किया।
हार्दिक ने की कोशिश
सूर्या ने बताया कि यह गौती (गौतम) भाई का फैसला था। हार्दिक ने पूरी कोशिश की, लेकिन खेल नहीं पाए। तभी गौती भाई ने कहा कि शिवम नई गेंद से गेंदबाजी करेगा। मैंने उनसे पूछा कि क्या वह पूरी तरह आश्वस्त हैं और वह बिल्कुल निश्चित थे। मैंने हामी भरी और हम उसी के साथ गए। यही वजह है कि मैं कहता हूं कि गौति भाई के साथ मेरा रिश्ता बहुत खास है। हर दो-तीन ओवर के बाद मैं डगआउट की तरफ देखता हूं कि वह मुझे क्या इशारा कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- एशिया कप-2025 फाइनल के बाद इस ऑलराउंडर ने लिया इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास, अनदेखी से निराश होकर किया फैसला
यह भी पढ़ें- \“गुस्सा हो रहे हो आप\“, पाकिस्तानी पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई खिसियाहट तो भारतीय कप्तान ने ऐसे कर दी बोलती बंद |