झारखंड हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा के लिए जारी किए सख्त निर्देश। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, धनवार,गिरिडीह। झारखंड हाईकोर्ट ने डब्ल्यूपी (पीआईएल) न्यायालय स्वयं संज्ञान बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य की सुनवाई में इस वर्ष दुर्गा पूजा को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
न्यायालय ने कहा कि पूजा आयोजन के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन और शोर-प्रदूषण नियमों का पालन अनिवार्य होगा। यह जानकारी खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने दी।
उन्होंने बताया कि न्यायालय से कई बिंदुओं पर निर्देश जारी हुआ है। इनमें मैदान की स्थिति पूर्ववत करने का आदेश में माननीय न्यायालय ने साफ कहा है कि पूजा समाप्ति के बाद मैदान को खेलने योग्य स्थिति में बहाल किया जाए। मैदान में बने गड्ढों को पाटना समिति की जिम्मेदारी होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हर पंडाल में 20 अग्निशमन यंत्र, पानी, रेत और रबर होज की व्यवस्था अनिवार्य होगी। भीड़ नियंत्रण के लिए 50 निजी सुरक्षा गार्ड और 100 स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। सीसीटीवी कैमरे पर्याप्त संख्या में लगाए जाएंगे और लगातार मॉनिटरिंग होगी।
पंडाल निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग से संरचना की मजबूती का प्रमाण-पत्र लेना जरूरी होगा। प्रवेश-निकास व भीड़ प्रबंधन को भी लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग कतारें होंगी। आपात स्थिति के लिए अलग निकास मार्ग की व्यवस्था की जाएगी।
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पंडाल और गेट रेलवे लाइन, ट्रांसफार्मर, गैस गोदाम व विद्युत तारों से सुरक्षित दूरी पर बनाए जाएंगे। स्वच्छता और ध्वनि नियंत्रण पर दिए गए निर्देश में कहा गया है कि समिति द्वारा 20 मजदूर और 40 डस्टबिन लगाए जाएंगे। प्रतिदिन तीन शिफ्ट में सफाई होगी। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
स्कूल समय में लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे और डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा नायलॉन व सिंथेटिक कपड़े का उपयोग पंडाल निर्माण में नहीं होगा। बिजली कनेक्शन केवल जेबीवीएनएल से अनुमोदन लेकर ही लिया जाएगा, अर्थिंग और वायरिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। पंडाल में दहनशील पदार्थ रखने पर रोक होगी।पंडाल परिसर में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
समिति और प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल नंबर पंडाल परिसर में प्रदर्शित किए जाएंगे। स्वयंसेवकों की सूची थाना प्रभारी को सौंपी जाएगी। फूड स्टॉल या मेला केवल अनुमति मिलने पर और पंडाल से पर्याप्त दूरी पर लगाया जाएगा। विसर्जन केवल निर्धारित मार्ग और स्वीकृत घाटों पर ही होगा।
कहा कि अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार की घटना न हो और चोरी या पाकेटमारी जैसी घटनाओं में अपराधियों को पुलिस के हवाले किया जाए। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने या अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीपीओ ने खोरीमहुआ अनुमंडल क्षेत्र के सभी पूजा पंडाल समिति को निर्देशित करते हुए कहा कि माननीय न्यायालय व सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए शांति पूर्ण तरीके से पूजा संपन्न कराएं।
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