साढ़े पांच करोड़ खर्च हो चुके, अभी भी गाद से पटी कुकरैल; होगी थर्ड पार्टी जांच

deltin33 2025-11-10 18:07:43 views 584
  



अजय श्रीवास्तव, लखनऊ। साढ़े पांच करोड़ खर्च होने के बाद भी कुकरैल नदी को साफ और स्वच्छ बनाने के प्रयास सार्थक नहीं हुए। नदी में फिर गंदगी उतराती दिख रही है। अयोध्या रोड वाले भाग में तो पार्क विकसित कर और सिल्ट निकाल कर अधिकारी वाहवाही लूट रहे हैं, लेकिन थोड़ा पीछे जाने पर हालात बदतर दिखाई देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नदी के किनारे ही कूड़े को पाटा जा रहा है। पानी में जमी सिल्ट ही सफाई अभियान की हकीकत को बयां कर रही हैं। सिंचाई विभाग एवं जल संसाधन विभाग गाद निकालने पर 5.46 करोड़ भी खर्च कर चुके हैं। अब शासन ने कुकरैल नदी से निकाली गई गाद की हकीकत जानने के लिए थर्ड पार्टी जांच कराने का निर्णय लिया है।

यह जांच भी मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज को दी गई है और जांच भी चालू हो गई है। बख्शी का तालाब के अस्ती गांव से गोमती नदी तक करीब 30 किलोमीटर लंबी कुकरैल नदी से गाद निकालने का काम सिंचाई विभाग को दिया गया था।

सिंचाई विभाग का दावा है कि रिंग रोड से लेकर अयोध्या रोड तक चार किलोमीटर में गाद को निकाला गया है, लेकिन दैनिक जागरण टीम ने पाया कि नदी में अब भी गाद दिख रही है। रिंग रोड के पास तो बहुत अधिक गाद है, जिससे पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है, जबकि बारिश में नदी में काफी पानी भी आया था। यह गाद दूर तक दिखाई देती है, जो कुकरैल नदी की बदहाली को भी बता रही है।

इसी तरह नदी के किनारे भाग में भारी मात्रा में कूड़ा एकत्र कर दिया गया है, जिसकी गंदगी भी नदी के पानी में जा रही है। नदी से निकाली गई गाद और फिर से गाद दिखने का मामला संज्ञान में आते ही शासन ने थर्ड पार्टी से जांच कराने का निर्णय लिया है। नगर विकास विभाग के अनुभाग पांच के संयुक्त सचिव की तरफ से सिंचाई विभाग को थर्ड पार्टी जांच कराने को कहा गया था।
दैनिक जागरण ने उठाया था कुकरैल का मुद्दा

दम तोड़ती नदियों को लेकर दैनिक जागरण के अभियान का असर था कि कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया था। यह अभियान 24 मई 2023 से चलाया गया था। कुकरैल नदी की दैनिक जागरण में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए 29 मई 2023 को ही बैठक करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदी को प्रदूषण मुक्त और पुनजीर्वित करने का आदेश दिया था।

सरकार के आदेश के बाद कुकरैल नदी के आसपास बड़े पैमाने पर अवैध कब्जों को हटाया गया था, इसमें बड़े-बड़े गोदाम तक थे। अब वहां पर दो बड़े पार्क भी बन गए हैं और हरियाली दिखती है, लेकिन गाद कुकरैल नदी की खूबसूरती पर दाग साबित हो रही है।


रिंग रोड से लेकर गोमती नदी के पास तक चार किलोमीटर तक कुकरैल नदी से गाद को निकाला गया था, लेकिन पीछे की तरफ सफाई की कोई योजना न होने से गाद बहकर आगे आ गई है। सफाई के बाद करीब 20 प्रतिशत गाद फिर से नदी में जमा हो गई है। थर्ड पार्टी टीम ने भी गाद के नमूने लिए हैं और उसमें सिल्ट भी पाई गई है।

मुकेश कुमार, अधिशासी अभियंता शारदा खंड, सिंचाई विभाग  
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3810K

Credits

administrator

Credits
388010

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com