भारतीय शिक्षा बोर्ड की \“प्रथम राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता\“ रविवार से शुरू
डिजिटल डेस्क, हरिद्वार। भारतीय शिक्षा बोर्ड से एफिलिएटेड विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए आज (9 नवंबर) से \“प्रथम राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता\“ का भव्य आगाज हो गया है। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य खेल को विद्यार्थियों के शरीर के साथ मानसिक और चरित्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम बनाना है। इस ऐतिहासिक खेल आयोजन की शुरुआत उत्तराखंड के हरिद्वार से हो रही है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के आगरा, लखनऊ और राजस्थान के जयपुर में विभिन्न खेल विधाओं का आयोजन किया जाएगा। यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता पूरे नवंबर महीने में चलेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हरिद्वार से हो रही है शुरुआत
प्रतियोगिता का शुभारंभ 9 और 10 नवम्बर को हरिद्वार के दो प्रमुख विद्यालयों में होगा। पतंजलि गुरुकुलम विद्यालय में रेसलिंग, जूडो और मलखम जैसे पारंपरिक खेलों का रोमांच देखने को मिलेगा, जबकि पतंजलि आचार्यकुलम विद्यालय में बास्केटबाल, हैन्डबॉल और कबड्डी की स्पर्धाएं आयोजित होंगी। ये खेल न केवल विद्यार्थियों की शारीरिक चुस्ती बल्कि उनकी टीम भावना और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को भी निखारेंगे।
खेलों को लेकर उत्तर प्रदेश में उत्साह
हरिद्वार के बाद, खेल महाकुंभ उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा। 13 और 14 नवम्बर को आगरा के जी. एस. एस. इंटर कॉलेज में वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद, 17 और 18 नवम्बर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल में एथलेटिक्स और बैडमिंटन की प्रतिस्पर्धाएं होंगी।
राजस्थान में होगा खेलों का समापन
प्रतियोगिता का समापन राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में होगा। 21 और 22 नवम्बर को अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल में योग और खो-खो की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जो भारतीय खेलों और स्वास्थ्य परंपराओं के महत्व को दर्शाएंगी।
खेल भावना को बढ़ावा
भारतीय शिक्षा बोर्ड का यह प्रयास विद्यार्थियों में अनुशासन, टीम वर्क, आत्मविश्वास और एक स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बोर्ड ने सभी खेल प्रेमियों से अपील की है कि वे इन चारों शहरों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में सपरिवार खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए जरूर आएं। यह आयोजन देश के भविष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। |