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हंगेरियन नेशनल म्यूजियम में मौजूद हैं 15वीं शताब्दी की दुर्लभ चीजें, हंगरी की क्रांति से भी है नाता

cy520520 2025-9-28 21:05:42 views 1260

  बेहद खास है हंगरी का नेशनल म्युजियम (Picture Courtesy: Instagram)





लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कला, इतिहास और संस्कृति से प्रेम करने वालों के लिए म्युजियम किसी खजाने से कम नहीं होते। यूरोप के सबसे समृद्ध संग्रहालयों में से एक है हंगेरियन नेशनल म्यूजियम (Hungarian National Museum), जो हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में स्थित है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह म्यूजियम न सिर्फ प्राचीन इतिहास की झलक देता है, बल्कि 15वीं शताब्दी की दुर्लभ और अनमोल वस्तुओं का भी घर है। यही कारण है कि इस म्युजियम के अंदर आपको ऐसा महसूस होगा कि आप अतीत की यात्रा पर निकले हैं। आइए इस खास म्युजियम के बारे में और जानते हैं।



  

(Picture Courtesy: Instagram)
क्या है इस म्युजियम का इतिहास?

इस म्युजियम की नींव 1802 में पड़ी थी, जब हंगरी के बड़े राजनेता काउंट फेरेक सेचेनी ने अपने निजी कला और पुस्तक संग्रह को देश को समर्पित किया। इसके बाद उनकी पत्नी और अन्य कलाप्रेमियों ने भी बहुमूल्य वस्तुएं दान दीं और यह एक विशाल नेशनल म्युजियम में बदल गया। संसद ने इसे नई इमारत में स्थापित करने का निर्णय लिया और वास्तुकार मिहाली पोलाक ने 1837 से 1847 के बीच इसे नियोक्लासिकल शैली में डिजाइन किया। आज यह म्युजियम बुडापेस्ट की शान माना जाता है।



  

(Picture Courtesy: Instagram)
15वीं शताब्दी का खजाना

हंगेरियन नेशनल म्यूजियम में 15वीं शताब्दी से जुड़ी कई अनोखी वस्तुएं देखने को मिलती हैं। इनमें उस दौर के शाही पोशाक, हथियार, और धार्मिक प्रतीक खास हैं। खासतौर से उस समय के हंगेरियन कुलीन वर्ग के दस्तावेज और पांडुलिपियां यहां सुरक्षित रखी गई हैं, जो मध्यकालीन यूरोप की राजनीति और समाज की गहरी झलक पेश करती हैं। इसमें 15वीं सदी की दुर्लभ मूर्तियां और पेंटिंग्स भी शामिल हैं, जो उस समय की कला शैली और धार्मिक आस्था को दिखाती हैं।



इसके अलावा, संग्रहालय में 11वीं सदी का मशहूर सोने का ताज भी मौजूद है, लेकिन 15वीं सदी की कलाकृतियों में सबसे खास हैं उस समय की धार्मिक ग्रंथों की किताबें, जिनके कवर सोने-चांदी और कीमती रत्नों से जड़े हुए हैं। ये किताबें यूरोपीय कला-कौशल की श्रेष्ठता का उदाहरण हैं।

  
और भी हैं कई दुर्लभ कलाकृतियां

संग्रहालय में केवल 15वीं शताब्दी तक सीमित नहीं है। यहां आयरन एज के पत्थर के सिर, ब्रॉन्ज एज के कंकाल, और रोमन काल की पेंटिंग्स भी मौजूद हैं। न्यू स्टोन एज की कलाकृतियां और 1960-70 के दौरान खोजे गए पुरातात्विक अवशेष इसे और भी खास बनाते हैं। लेकिन पर्यटक खासतौर से उस हिस्से को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं, जहां मध्यकालीन यानी 15वीं शताब्दी की वस्तुएं दिखाई गई हैं।



  

(Picture Courtesy: Instagram)
क्रांति से जुड़ा इतिहास

हंगेरियन नेशनल म्यूजियम का महत्व सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं है। 1848 में जब हंगेरियन क्रांति हुई, तो इस संग्रहालय ने उसमें अहम भूमिका निभाई। माना जाता है कि यहीं की सीढ़ियों पर हंगरी के राष्ट्रीय कवि सैंडोर पेटोफी ने अपनी मशहूर कविता नेमजेटी दाल पढ़ी थी, जिसने लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित किया। यही वजह है कि यह म्यूजियम हंगरी की राष्ट्रीय पहचान और स्वतंत्रता का प्रतीक भी बन गया।



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