PMFBY में 40 करोड़ से अधिक घोटाला, कई राज्यों के लोगों ने कराया बीमा, वन, नदी और पहाड़ की जमीन को भी नहीं छोड़ा

deltin33 2025-11-9 02:07:28 views 628
  

पुलिस की हिरासत में पकड़े गए आरोपित। पुलिस  



संवाद सूत्र, जागरण, अजनर (महोबा)। महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करीब 40 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया। इसमें मप्र, राजस्थान, बिहार, जालौन, बांदा व चित्रकूट सहित अन्य जनपदों के लोगों ने किसानों की जमीनों पर बीमा करा लिया और उनका भुगतान भी हो गया। जालसाजों ने वन विभाग, नदियों, पहाड़ों सहित चकरोडों की जमीनों पर भी पालिसी ले ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
जन सेवा केंद्र की मिलीभगत

इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। शनिवार को थाना अजनर में दर्ज मुकदमे में वांछित चल रहे आरोपित कृष्ण कुमार निवासी बगरौन चरखारी व हर्षेंद्र निवासी किल्होवा थाना पनवाड़ी को अजनर पुलिस ने सूपा तिराहा से गिरफ्तार किया। इसमें हर्षेंद्र जनसेवा केंद्र संचालक है। थानाध्यक्ष अजनर सत्यपाल सिंह ने बताया कि आरोपितों को न्यायालय के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेजा गया है।

  
छह मुकदमे दर्ज हो चुके


वहीं अब तक इस मामले में कुल छह मुकदमे दर्ज कराए गए है। 27 अगस्त को बीमा कंपनी इफको टोकियाे के जिला प्रबंधक निखिल सहित 26 नामजद व अन्य पर मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था। चरखारी, कुलपहाड़, अजनर व थाना पनवाड़ी में भी पांच मुकदमे दर्ज है। अब तक 14 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। कृषि विभाग के बीमा पटल सहायक अतुलेंद्र विक्रम को भी निलंबित किया जा चुका है।

  
कंपनी का प्रबंधक की अभी तक गिरफ्तारी नहीं

24 अगस्त को न्यायालय ने पांच आरोपितों की जमानत भी खारिज कर दी थी। 27 अगस्त को मुकदमा दर्ज होने के बाद अब तक बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक निखिल को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। उपनिदेशक कृषि रामसजीवन ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराई जाएगी।

इस तरह से समझें घोटाले का पूरा खेल


  • फसल बीमा में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने कंपनी से सांठगांठ कर ऐसे गांवों को चुना, जहां चकबंदी प्रक्रिया चल रही है।
  • बीमा करने के लिए पोर्टल (प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल) पर भू-स्वामी व बटाईदार अपना बीमा करा सकता है।
  • चकबंदी प्रक्रिया वाले गांवों का डाटा प्रदर्शित नहीं होता, जिससे कोई भी 10 रुपये के स्टांप पर बटाईनामा बनवाकर जमीन पर बीमा करा सकता है। इसमें वह जो जानकारी भर देता है वह सही मानी जाती है।
  • खाली स्टांप भी इसमें लगाया जा सकता है। उसी के कागजातों के आधार पर बीमा होता है।
  • इसकी जांच बीमा कंपनी ही करती है।
  • इसके बाद व्यक्ति टोल फ्री नंबर पर फोन कर नुकसान की जानकारी देता है। इसकी जांच भी बीमा कंपनी करती है और क्लेम पास कर भुगतान दे देती है।
  • जाहिर है कहीं न कहीं बीमा कंपनी के लोग भी इसमें शामिल है। किसी भी मामले का सत्यापन नहीं किया गया। यदि सत्यापन कराया जाता तो शायद फर्जी भुगतान होने से बच जाता।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3810K

Credits

administrator

Credits
388010

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com