deltin33 • 2025-11-8 16:07:18 • views 954
Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। काल भैरव जयंती का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल काल भैरव जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप बाबा काल भैरव जी को समर्पित है। भैरव बाबा को तंत्र-मंत्र के देवता और काशी के कोतवाल के रूप में भी पूजा जाता है। वह सभी नकारात्मक शक्तियों, भय और शत्रुओं का नाश करने वाले माने जाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उदया तिथि को देखते हुए इस साल कालभैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2025) का पर्व 12 नवंबर 2025, दिन बुधवार को मनाया जाएगा, तो आइए इस तिथि से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
शत्रुओं से मुक्ति के महाउपाय (Kaal Bhairav Jayanti 2025 Remedies)
शाम के समय बाबा काल भैरव के मंदिर में जाएं। मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल पर सरसों के तेल का एक चौमुखी दीपक जलाएं। दीपक में काली उड़द के कुछ दाने डालें। दीपक प्रज्वलित करते समय और उसके बाद इस भैरव मंत्र \“\“ॐ ह्रीं काल भैरवाय हं फट् स्वाहा।\“\“ का 108 बार जाप करें। इसके बाद, कुत्तों को भोजन कराएं, क्योंकि कुत्ता काल भैरव जी का वाहन है। जयंती के दिन विशेष रूप से काले रंग के कुत्तों को मीठी रोटी, दूध या दही-चावल खिलाना चाहिए। मान्यता है कि कुत्तों को भोजन कराने से बाबा काल भैरव बहुत खुश होते हैं और आपके सभी शत्रुओं को शांत कर देते हैं।
- नारियल और कपूर - इस दिन एक नारियल को अपने सिर के ऊपर से सात बार उतार कर भैरव मंदिर में अर्पित करें और उस पर कपूर जला दें। यह नकारात्मक शक्तियों और ऊपरी बाधाओं को दूर करता है।
- काले कपड़े का दान - भैरव जयंती पर किसी गरीब या जरूरतमंद को काले वस्त्र, कंबल या तिल का दान करने से ग्रह बाधाएं और शत्रु भय से मुक्ति मिलती है।
- आंवले के पत्ते और सिंदूर - अगर कोई शत्रु अधिक परेशान कर रहा हो, तो आंवले के 5 पत्तों पर सिंदूर से उसका नाम लिखकर भैरव बाबा के चरणों में अर्पित करें और उनसे उसके साथ रिश्ते को सामान्य करने की प्रार्थना करें।
यह भी पढ़ें- Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती पर करें ये काम, मिलेगी कई समस्याओं से राहत
यह भी पढ़ें- Kaal Bhairav Jayanti 2025 Date: कब मनाई जाएगी काल भैरव जयंती? जानें तिथि और नियम
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |
|