NDA ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर बोला हमला
राज्य ब्यूरो, पटना। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राजद द्वारा आयोजित कर्पूरी अतिपिछड़ा सम्मेलन को \“चुनावी नाटक\“ बताया है। उन्होंने कहा कि राजद एवं कांग्रेस के लोग किसी भी समाज के हितैषी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इनकी सारी कवायद एक परिवार तक सिमटी हुई है। तेजस्वी यादव जिन आदरणीय कर्पूरी के का नाम पर सम्मेलन कर सुर्खियां बटोरने की जुगत में जुटे हैं। उनके पिता लालू यादव कर्पूरी ठाकुर को उनके जीवनकाल में अपमानित करते रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सिन्हा ने कहा कि अपने 15 साल के शासन में उनके माता-पिता केवल कर्पूरी की विरासत हथियाने के चक्कर में जुटे रहे, लेकिन उनकी शुचिता, ईमानदारी और सामाजिक न्याय की सोच का हर कदम पर गला घोंटने में लगे रहे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी को वास्तविक सम्मान भी दिया और उनकी सोच को धरातल पर भी उतारा है। हमारी डबल इंजन सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को \“भारत रत्न\“ से सम्मानित भी किया, उनके विचारों पर चलते हुए पिछड़ा आयोग को संवैधानिक मान्यता भी दी।
एनडीए सरकार के प्रयासों से ही पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुष-महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।
अतिपिछड़ा समाज टस से मस नहीं होने वाला : जदयू
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चाहे कोई भी राजनीतिक हथकंडा अपना लें, अतिपछड़ा समाज के लोग टस से मस नहीं होने वाले।
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जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने राजद द्वारा आयोजित ‘कर्पूरी अतिपिछड़ा अधिकार संवाद’ को अतिपिछड़ा समाज को भ्रमित करने का एक विफल राजनीतिक प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि राजद का राजनीतिक अतीत हमेशा जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपमान करने वाला रहा है और आज वही लोग केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए अधिकार संवाद का दिखावा कर रहे हैं।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद को केवल चुनाव के समय ही अतिपिछड़ों की याद आती है। दिखावटी प्रेम और झूठे वादों से अतिपिछड़ा समाज को गुमराह करने की कोशिशें कभी सफल नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारते हुए अतिपिछड़ा समाज के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
नीतीश सरकार में अतिपिछड़ा कल्याण बजट में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अतिपिछड़ा आयोग का गठन किया गया, पंचायत एवं नगर निकाय चुनावों में आरक्षण लागू कर राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराया गया, न्यायिक सेवाओं में भी आरक्षण की व्यवस्था दी गई और जिलों में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास की स्थापना कर छात्रों के लिए शिक्षा व छात्रवृत्ति की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं।
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