जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। 144 बोगस फर्मों में 1970 करोड़ के टर्नओवर पर 368 करोड़ की आइटीसी चोरी के बाद राज्यकर अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर भी डाटा खंगालना शुरू कर दिया है। राज्यकर अधिकारियों के अनुसार, व्यापारियों की फर्जी बिलिंग और गलत आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेनेका मामला सामने आता है तो सख्त कार्रवाई होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच में तथ्य सामने आने पर न केवल आईटीसी वापस होगी, बल्कि जुर्माने के अलावा ब्याज भी वसूला जाएगा। साथ ही रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने तक की कार्यवाही होगी। बड़े मामलों में बैंक खाते सीज होने से लेकर मुकदमा दर्ज कराने तक की स्थिति बन सकती है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 से जुड़े मामलों में कार्रवाई जीएसटी अधिनियम की धारा 74 के अंतर्गत की जाएगी। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 से संबंधित मामलों को धारा 74-ए में लिया जाएगा, जिसमें व्यापारियों के लिए और भी कड़े प्रावधान हैं।
अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान यदि पाया जाता है कि व्यापारी ने गलत तरीके से आईटीसी का लाभ उठाया है, तो उतनी राशि तत्काल रिवर्स करनी होगी। साथ उस आईटीसी की राशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी जमा होगा। इसके अलावा नियमों के तहत पेनल्टी भी लगाई जाएगी। अगर किसी व्यापारी ने गलत आईटीसी लेकर रिफंड प्राप्त कर लिया है, तो वह रिफंड भी ब्याज के साथ वापस करना होगा।
विभाग अधिकारियों के अनुसार, कई व्यापारी फर्जी बिलिंग के माध्यम से बिना असल में खरीद-फरोख्त किए आईटीसी ले लेते हैं। ऐसे मामलों में अब विभाग ई-वे बिल, स्टाक, बैंक खातों और बिक्री-खरीद डाटा का मिलान कर रहा है। जिन व्यापारियों के आंकड़ों में गड़बड़ी मिलेगी। उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
टैक्स जमा न करने की स्थिति में विभाग के पास बैंक खाते सीज करने का भी अधिकार है। यदि मामला ज्यादा बड़ा मिलता है और टैक्स चोरी की रकम अधिक होती है, तो संबंधित व्यापारी, फर्म आपरेटर या संचालक के खिलाफ अपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। यह मुकदमा आर्थिक अपराध की श्रेणी में आएगा।
व्यापारी अपने सभी खरीद-बिक्री के बिल सही से दर्ज करें। वास्तविक लेन-देन के आधार पर ही आईटीसी क्लेम करें। माहवार जीएसटी रिटर्न समय से दाखिल करें। समय रहते सुधार कर लेने से व्यापारी बड़ी कार्रवाई से बच सकते हैं। अन्यथा सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। राजस्व को नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा।
-आरए सेठ, अपर आयुक्त ग्रेड टू एसआइबी मुरादाबाद जोन |