दोआबा और माझा क्षेत्र के किसान संगठनों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब सरकार की ओर से गन्ने की फसल का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में किसान संगठनों ने 21 नवंबर को नेशनल हाईवे जाम करने की घोषणा की है।
जालंधर में वीरवार को प्रेस कांन्फ्रेस कर किसान संगठनों ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले गन्ना सीजन का 93 करोड़ का भुगतान नहीं किया। सहकारी चीनी मिल का 120 करोड़ और फगवाड़ा मिल का 27 करोड़ का पिछला बकाया किसानों को नहीं मिला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अगर सरकार ने किसानों को भुगतान न किया तो किसान सड़कों पर उतरेंगे। ये घोषणा दोआबा और माझा क्षेत्र के किसान संगठनों ने की है। किसान नेताओं ने कहा कि गन्ने के सीजन की शुरूआत नवंबर महीने से होती है लेकिन सरकार खामोश है। शुगर केन कंट्रोल बोर्ड का समय समाप्त हो गया है।
राज्य सरकार ने फिर से बोर्ड का गठन नहीं किया। गन्ना खरीद और भुगतान की प्रक्रिया बोर्ड के गठन के बाद ही शुरू होती है। केंद्र सरकार ने गन्ने की कीमतों में 15 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ोतरी की लेकिन पंजाब सरकार ने कोई घोषणा नहीं की।
राज्य सरकार ने चीनी मिल चलने की कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की। गन्ने की फसल को लेकर किसान चिंतित है। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों की बकाया राशि 213 करोड़ तुरंत जारी करे और गन्ने के दामों में बढ़ोतरी कर पांच सौ क्विंटल करे।
सहकारी चीनी मिलों की तर्ज पर काउंटर पेमेंट होनी चाहिए। किसानों ने मांग की है कि जिस तरह बाकी फसलों के पहले उनके दाम निर्धारित किए जाते है उसी तरह गन्ने की फसल के भी दाम पहले तय किए जाए।
किसान सात नवंबर को जिलों के डीसी को मांग पत्र देंगे और अगर 15 नवंबर तक सरकार फैसला नहीं करती तो 21 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। |