संवाद सूत्र, जागरण, माधोटांडा (पीलीभीत)। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) का नया पर्यटन सत्र शुरू होने के साथ ही टाइगर रिजर्व का नया बराही गेट भी खोल दिया गया है। अब यहां से भी पर्यटकों की खूब आमद होने लगी है। बराही गेट से सफारी करने वाले पर्यटकों को यहां पर विस्तृत और घने जंगलों में सफारी करने का मौका मिल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में यहां से जंगल सफारी करने वाले पर्यटकों को बाघ, भालू और तेंदुआ जैसे वन्यजीव भी खूब आकर्षित कर रहे हैं। नेपाल से आए जंगली हाथी भी पर्यटकों को नजर आए। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पर्यटन के लिए तीन गेट खुले हुए हैं। पीलीभीत की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए महोफ गेट है, यहां से पर्यटक सफारी का आनंद लेते हैं।
जब से टाइगर रिजर्व में पर्यटन प्रारंभ हुआ तब से मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस से ही सफारी वाहनों की बुकिंग की जाती थी, लेकिन अब इन दोनों बुकिंग काउंटर के अलावा बराही गेट खुलने से पर्यटकों को काफी राहत मिल गई। लखनऊ की ओर से आने वाले पर्यटक अब माधोटांडा से कम दूरी तय करके बराही गेट से बुकिंग कराकर सफारी का आनंद ले रहे हैं।
सबसे खास बात यह है कि बराही गेट से पर्यटकों के लिए विस्तृत जंगल है। यहां से सफारी कर पर्यटक चूका बीच और सप्त सरोवर का भी अद्भुत नजारा देख रहें हैं। साइफन, बाइफरकेशन और शारदा सागर डैम पर भी यहां से पहुंचा जाता है। बराही गेट से जो जंगल शुरू होता है वह काफी हरा भरा है। यहां पर बहती हुई नहरें काफी सुंदर लगती है।
यहां से पर्यटकों को बाघों के खूब दीदार हो रहें हैं। इसके अलावा टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को यहां से देखा जा सकता है। बुधवार को तो शाम की सफारी पर्यटकों के लिए यादगार बन गई। टाइगर रिजर्व में सफारी कर रहे पर्यटक जंगल में बाघ देखने की चाहत में घूम रहे थे। लेकिन अचानक उन्हें पेड़ पर सोता हुआ एक तेंदुआ नजर आ गया।
पर्यटकों को देखकर तेंदुआ तुरंत पेड़ से उतर कर भाग गया। पर्यटकों ने उसकी वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दी। ऐसे ही नजारे पर्यटकों को यहां पर प्रतिदिन नजर आ रहे हैं। बुधवार को ही नेपाल के जंगलों से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में विचरण कर रहे जंगली हाथियों को भी पर्यटकों ने देखा। हाथियों को देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे।
बराही गेट से सफारी करने वाले पर्यटकों के लिए यहां पर बेहतर व्यवस्था है। पर्यटकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां से विभिन्न वन्यजीवों को देखा जा सकता है।
- अरुण मोहन श्रीवास्तव, वन क्षेत्राधिकारी बराही। |