LHC0088 • 2025-11-6 01:38:23 • views 713
सुरक्षा विशेषज्ञों से संवाद करते नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। हिंद महानगर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आईएनएस अरावली नामक नौसेना के सूचना केंद्र में 30 देशों के 50 से अधिक सुरक्षा विशेषज्ञों ने लगातार तीन दिनाें तक मंथन किया। सभी ने माना कि समुद्री सुरक्षा के लिए समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान बहुत आवश्यक है। इस दिशा में आइएनएस अरावली काफी कारगर साबित हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन्फार्मेशन फ्यूजन सेंटर- इंडियन ओशन रीजन (आइएफसी-आइओआर) द्वारा मैरीटाइम इन्फार्मेशन शेयरिंग वर्कशाप 2025 का तीसरा एडिशन तीन से पांच नवंबर तक आयोजित किया गया। इस बार वर्कशाप का विषय हिंद महासागर क्षेत्र में रियल-टाइम कोआर्डिनेशन और इन्फार्मेशन शेयरिंग को बढ़ावा देना था।
समुद्री खतरों पर मंथन
वर्कशाप का आयोजन समुद्री खतरों जैसे पाइरेसी, ड्रग स्मगलिंग, मानव तस्करी एवं गैरकानूनी तरीके से मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करने पर जोर देने के लिए किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स एवं रीयल-टाइम मानिटरिंग सिस्टम्स के इस्तेमाल से समुद्री सुरक्षा को कैसे और अधिक मजबूत किया जा सकता है, इस बारे में वर्कशाप के दौरान विस्तार से चर्चा की गई।
वर्कशाप का शुभारंभ करते हुए नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग, अंतर-संचालन और विश्वास-आधारित साझेदारी के महत्व पर ज़ोर दिया। नौवहन महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक सुशील मानसिंह खोपड़े ने सहयोगात्मक सहभागिता और नियामक समन्वय के माध्यम से क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा संरचना को मजबूत करने की दिशा में भारत की समुद्री पहलों और प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा, सूचना नेटवर्क की भूमिका, परिचालन समन्वय, समुद्री कानून, उद्योग के दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराध के ऊपर भी प्रकाश डाला। वर्कशाप के दौरान एक सुदृढ़ और उत्तरदायी समुद्री सुरक्षा ढांचे के निर्माण में तकनीकी एकीकरण, डेटा इंटरआपरेबिलिटी और सामूहिक प्रतिबद्धता के महत्व पर सुरक्षा विशेषज्ञों ने जोर दिया।
सहयोग और संवाद का महत्व
रियर एडमिरल निर्भय बापना ने क्षेत्रीय सूचना-साझाकरण ढांचों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक सुरक्षित समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए सहयोग और निरंतर संवाद केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। बता दें कि इन्फार्मेशन फ्यूजन सेंटर– इंडियन ओशन रीजन की स्थापना 22 दिसंबर 2018 को की गई थी।
इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और मित्र देशों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है। इसमें 25 देशों के 43 मल्टीनेशनल सेंटर की लाइव फीड उपलब्ध होती है। इसमें अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान एवं फ्रांस के साथ ही यूनाइटेड किंगडम सहित 15 देशों के इंटरनेशनल लाइजन आफिसर्स तैनात हैं जो 57 समुद्री सुरक्षा संगठनों और 25 साझेदार देशों के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं।
इसी साल 12 सितंबर को समुद्री सुरक्षा की मजबूती को लेकर आइएनएस अरावली नामक नौसैनिक अड्डे का शुभारंभ किया गया है। इसे राजीव चौक के नजदीक एयरफोर्स स्टेशन परिसर में स्थापित किया गया है। यह नौसेना के सभी सूचना एवं संचार केंद्रों से डेटा एकत्रित कर उसका विश्लेषण करता है। |
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