पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपित
जागरण संवाददाता, बरेली। फर्जी दस्तावेजों से विधवा पेंशन लेने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश कर दिया। गिरोह के चार सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों को एक झूठी महामाया योजना का झांसा देकर उनके आधार, पेन, फोटो आदि लेते और उनके पतियों को कागजों में मृत दिखा देते। इसके बाद उन्हीं फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंक में खाता खुलवाते और विधवा पेंशन के लिए आवेदन कर देते थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिन महिलाओं का खाता खोला जाता था, उन्हें यह पता भी नहीं होता कि उनके खाते में विधवा पेंशन आ रही है क्योंकि उन खातों का सभी एक्सिस आरोपित अपने पास रखते और हर माह धनराशि निकाल लेते थे। अभी तक आरोपितों ने 56 बैंक खाते खुलवाए हैं। पुलिस ने मामले में हरीश, मुनीष, शांति स्वरूप और प्रमोद को जेल भेज दिया है।
बारादरी थाना क्षेत्र के आकांक्षा एन्क्लेव निवासी यासमीन जहां ने कमिश्नर को शिकायती पत्र दिया। उन्होंने बताया कि, वह नारी शक्ति, नारी सेवा सम्मान समिति की अध्यक्ष होने के साथ ही एक समाज सेवी भी हैं। आरोप है कि उन्हें सूचना मिली कि पिछले कई महीनों से आंवला तहसील में फर्जी विधवा पेंशन में दलाल सक्रिय हैं।
यह लोग गरीब लोगों के खाते खुलवाते हैं और उनमें आने वाली रकम को हड़प लेते हैं। यासमीन का आरोप था कि इस गिरोह में हरीश कुमार, शांति स्वरूप, सौरभ, सुलदीप, मुनीष, भूरे, नीरज, धमदिवी, ऊषा देवी व कई अज्ञात शामिल हैं। पुलिस ने जब आरोपितों से पूछताछ की तो स्पष्ट हुआ कि हरीश इस गिरोह का मुख्य सरगना हैं जो जन सेवा केंद्र संचालित करने के साथ ही एसबीआइ का बैंक मित्र भी है।
उसके साथ मुनीष, शांति स्वरूप ओर हरीश भी काम करते थे। यह लोगों को फर्जी महामाया योजना के बारे में बताकर उन्हें झांसा देते थे कि उनके खाते में रुपये भेजे जाएंगे। सभी दस्तावेज लेने के बाद बैंक खाते खोले जाते और उनका एक्सिस आरोपित खुद ही रख लेते और रकम निकालते रहते थे। हैरत इस बात की थी कि हरीश, मुनीष और शांति स्वरूप ने भी खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर लिया था। उनकी पत्नियां भी विधवा पेंशन ले रही हैं। पुलिस इस मामले में अब आगे की जांच कर रही है। चार आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। |