deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Utpanna Ekadashi 2025 Date: उत्पन्ना एकादशी कब है? एक क्लिक में नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

deltin33 2 hour(s) ago views 267

  

Utpanna Ekadashi 2025 Date: उत्पन्ना एकादशी का धार्मिक महत्व



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त व्रत रखा जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक के घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही आय और वंश में वृद्धि होती है। आइए, उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025) की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर को देर रात 12 बजकर 49 मिनट पर अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 37 मिनट पर मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना होती है। इसके लिए 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। इस तिथि पर साधक व्रत रख विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
उत्पन्ना एकादशी पारण (Utpanna Ekadashi Paran Timing)

सामान्य जन 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 08 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न का दान कर व्रत खोलें।
उत्पन्ना एकादशी शुभ योग (Utpanna Ekadashi Shubh Yoga)

ज्योतिषियों की मानें तो अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव कैलाश पर देवी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। शिववास योग के दौरान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
पंचांग

  • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 23 मिनट से 12 बजकर 14 मिनट तक


यह भी पढ़ें- Vishnu Ji Ki Aarti: इस आरती के बिना पूरी नहीं होती है भगवान विष्णु की पूजा, खुशियों से भर जाएगा जीवन

यह भी पढ़ें- Surya Gochar 2025: आत्मा के कारक सूर्य देव जल्द करेंगे राशि परिवर्तन, इन राशियों को जॉब में मिलेगी सफलता

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

administrator

Credits
68412