Shardiya Navratri 2025 Day 5: नवरात्र के पांचवें दिन पढ़ें यह मंगलकारी कथा, संतान से जुड़ी मुश्किलें होंगी दूर_deltin51

LHC0088 2025-9-27 14:36:18 views 1207
  Shardiya Navratri 2025 Day 5: मां स्कंदमाता का दिव्य स्वरूप।





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2025 Day 5: शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है, जो मातृत्व, करुणा और शक्ति का साक्षात प्रतीक हैं। स्कंदमाता मां दुर्गा का वह स्वरूप हैं, जिन्होंने देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया। स्कंदमाता की उपासना से संतान सुख की प्राप्ति और उनकी प्रगति होती है। इसके साथ ही पारिवारिक शांति बनी रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ऐसा भी माना जाता है कि जो दंपति सच्चे मन से उनकी पूजा करते हैं, उन्हें जल्द ही संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।



  
मां स्कंदमाता का दिव्य स्वरूप

स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। वह अपने गोद में भगवान स्कंद को बिठाए हुए हैं। उनके दाहिने तरफ की नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है, और वह सिंह पर विराजमान बैठती हैं। वह कमल के आसन पर भी विराजमान रहती हैं, इसलिए उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। देवी का यह रूप भक्तों को ज्ञान, बुद्धि और वैराग्य देता है। साथ ही संतान की रक्षा होती है।


स्कंदमाता की कथा (Skandmata ki Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, जब तारकासुर नामक राक्षस के अत्याचार से तीनों लोक कांप उठा था, तब देवताओं ने ब्रह्मा जी से मदद की गुहार लगाई। ब्रह्मा जी ने बताया कि तारकासुर का वध केवल भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही संभव है। महादेव उस समय योग निद्रा में लीन थे। देवताओं की प्रार्थना पर, देवी पार्वती ने अपने दिव्य तेज से भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया।Shardiya Navratri 2025, Skandamata Ki Aarti, Skandamata Ki Aarti pdf, मां स्कंदमाता, स्कंदमाता पूजा, स्कंदमाता आरती, jai ambe gauri, Shardiya Navratri,देवी दुर्गा,नवरात्रि 2025,पूजा विधि,धार्मिक मान्यताएं,संतान प्राप्ति   



तारकासुर से युद्ध करने से पहले मां पार्वती ने स्वयं स्कंद भगवान को युद्ध की शिक्षा दी और उन्हें देवताओं का सेनापति बनाया। माता ने सिंह पर बिठाकर उन्हें युद्धभूमि में भेजा। स्कंद जी ने अपनी माता के मार्गदर्शन और शक्ति से तारकासुर का संहार किया और देवताओं को विजय दिलाई। ऐसा कहा जाता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से संतान से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं। इसके साथ ही सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।



यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2025: कन्या पूजन में क्या बनाएं और खिलाएं? गलती से भी भोग में शामिल न करें ये चीजें

यह भी पढ़ें: Papankusha Ekadashi 2025: पापांकुश एकादशी पर करें दीपक से जुड़े ये खास उपाय, श्री हरि बरसाएंगे कृपा



अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
139978

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com