जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के यतीमखाना प्रकरण में बुधवार को सुनवाई हुई। आजम खां के बचाव में गवाह करीम को पेश किया गया। गवाह ने अपने बयान में घटना को फर्जी बताया और झूठा मुकदमा दर्ज करने की बात कही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
आजम खां के विरुद्ध यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र की यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। इस बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था। मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं।  
 
इन मुकदमों में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया।  
 
इस मामले में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष की गवाही चल रही है। बचाव पक्ष के गवाह करीम की गवाही पूरी हो गई। अब सात नवंबर को सुनवाई होगी। |