राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग ने 22 वर्ष बाद अब प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान शुरू किया है। राहत भरी बात यह है कि करीब 70 प्रतिशत मतदाताओं को इस अभियान के दौरान कोई भी दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयोग ने वर्ष 2003 में हुए एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची का मिलान किया है। करीब 48 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। कई ऐसे मतदाता भी हैं जिनके माता-पिता के नाम सूची में पहले से हैं। इन्हें भी अभियान के दौरान कोई भी पहचान व आवास का प्रमाण पत्र नहीं देना होगा।
कुछ डुप्लीकेट मतदाता भी हैं तो कुछ दूसरे स्थानों को चले गए हैं। कुछ मतदाताओं का निधन हो चुका है। ऐसे में करीब 30 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे बचेंगे जिन्हें पहचान के लिए 12 मान्य दस्तावेजों में से एक अनिवार्य रूप से बीएलओ को देना होगा।
जिनके नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं उन्हें केवल पुराना विवरण बताना होगा। बीएलओ एप में भी ऐसे मतदाताओं के नाम हरे रंग से आ जाएंगे। इन्हें कोई भी दस्तावेज देने की जरूरत नहीं रहेगी।
ऐसे अधिकारी जो सरकारी सेवा में हैं और अपने सेवा प्रमाण पत्र या विभागीय पहचान पत्र के माध्यम से पहचान सिद्ध कर सकते हैं, उन्हें अलग से पहचान-पत्र या निवास प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि किसी परिवार के सदस्य का नाम पहले से उसी पते पर मतदाता सूची में दर्ज है, तो उसी परिवार के अन्य सदस्य को अलग से निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी।
एसआईआर के दौरान बीएलओ घर-घर जाकर दो प्रतियों में पहले से भरा हुआ फार्म देंगे। इसमें पिता का नाम, माता का नाम, मोबाइल नंबर, आधार संख्या मतदाताओं को भरना होगा। इसमें से एक फार्म बाद में बीएलओ ले जाएंगे और एक फार्म पर रिसीविंग देंगे।
राजनीतिक दलों के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी की बैठक आज
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने मंगलवार से शुरू हुए एसआईआर को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सभी तैयारियां समय से पूरी करा ली जाएं। सभी डीएम बुधवार को राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर एसआईआर की प्रक्रिया और आयोग के निर्देशों की जानकारी दें।
मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य के राजनीतिक दलों के साथ बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में भी बैठक होगी। उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दलों से बूथ लेबल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का अनुरोध करें, जो पुनरीक्षण कार्यों में बीएलओ का सहायोग करेंगे।
सभी जिला निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि गणना प्रपत्रों का मुद्रण, वितरण, मिलान एवं इनकाे जमा करने का काम समय से हो। डुप्लीकेट, एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले एवं मृत मतदाताओं को लेकर पूरी सावधानी रखें।
यह 12 प्रमाण पत्र/दस्तावेज हैं मान्य
आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, सरकारी/अर्ध-सरकारी कार्यालय द्वारा जारी पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान द्वारा जारी छात्र पहचान पत्र, बिजली बिल/पानी बिल/टेलीफोन (लैंडलाइन या मोबाइल) बिल, बैंक/डाकघर की पासबुक जिसमें पता अंकित हो, राशन कार्ड, किराया अनुबंध, सरकारी विभाग से जारी आवास आवंटन पत्र/सरकारी आवास का प्रमाण व गैस कनेक्शन की रसीद या बुक। |