राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब सभी परिषदीय विद्यालयों में स्कूल न्यूट्रीशन गार्डन यानी किचन गार्डन विकसित किए जाएंगे। इन गार्डनों में उगाई गई सब्जियों का उपयोग पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) में किया जाएगा ताकि बच्चों को ताजा और पौष्टिक भोजन मिल सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्कूल न्यूट्रीशन गार्डन के रखरखाव के लिए अन्य विभागों की मदद (कन्वर्जेन्स) भी ली जाएगी, ताकि यह योजना लंबे समय तक टिकाऊ रूप में चल सके।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि जिन विद्यालयों में पर्याप्त जगह नहीं है, वहां गमलों, मटकों, जूट के थैलों, बोरे या पालीबैग में छोटी सब्जियां उगाई जाएं।
वहीं, जिन स्कूलों में थोड़ा बहुत खुला स्थान है, वहां दीवार के सहारे लौकी, तोरई जैसी बेल वाली सब्जियां और छत या बरामदे में टमाटर, मिर्च, धनिया, भिंडी, बैंगन आदि के पौधे लगाए जा सकते हैं।
यह सब्जियां बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आसानी से उगाई जा सकती हैं और इनका उपयोग मिड डे मील में करने से बच्चों को अतिरिक्त पोषण मिलेगा। प्रदेश में कुल 62,347 विद्यालयों में ऐसे लघु किचन गार्डन बनाए जाने हैं, जहां जगह की कमी है।
सरकार ने पहले ही चार अगस्त को इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना भेजी थी। अभी प्रदेश स्तर पर 70,228 विद्यालयों में किचन गार्डन विकसित किए गए हैं। सिद्धार्थनगर, जौनपुर, आजमगढ़, इटावा, कुशीनगर, बरेली, प्रतापगढ़ में 25 प्रतिशत से भी कम विद्यालयों में किचन गार्डन विकसित किए गए हैं।
अब जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने जिलों के सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत किचन गार्डन तैयार कराएं और पहले से बने गार्डनों का रखरखाव सुनिश्चित करें। |